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चीन-ताइवान तनाव पर भारत ने तोड़ी चुप्पी, चिंता जताते हुए कहा- शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयास हों

Updated Aug 12, 2022 | 17:37 IST

चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव पर भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की कोशिश का आग्रह किया। साथ ही कहा कि एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
चीन और ताइवान से भारत ने शांति की अपील की

नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को चीन और ताइवान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच ताइवान जलडमरूमध्य में यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई से बचने का आग्रह किया। साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए। ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव पर सवाल पर बागची ने कहा कि कई अन्य देशों की तरह, भारत भी हाल के घटनाक्रमों से चिंतित है। हम संयम बरतने, यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई से बचने, तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों का आग्रह करते हैं।

वन चाइना सिद्धांत पर भारत की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत की प्रासंगिक नीतियां सर्वविदित और सुसंगत हैं और उन्हें दोहराने की आवश्यकता नहीं है। अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पॉलिसी द्वारा चीन की इच्छा के विरुद्ध ताइवान की यात्रा के बाद, बीजिंग ने स्व-शासित द्वीप पर कब्जा करने की धमकी देते हुए बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करना शुरू कर दिया। ताइवान के पास एक सप्ताह से अधिक के मिलिट्री अभ्यास के बाद चीन ने बुधवार को घोषणा की कि उसने स्व-शासित द्वीप पर हमले की नकल करते हुए अपना सैन्य अभ्यास संपन्न कर लिया है।

स्टेट मीडिया आउटलेट ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि पीएलए ईस्टर्न थिएटर कमांड ने कहा कि उसने ताइवान के आसपास हालिया अभ्यास के दौरान विभिन्न मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है और सैनिकों की संयुक्त अभियान युद्ध क्षमता का प्रभावी परीक्षण किया है। यह कमान ताइवान जलडमरूमध्य में नियमित रूप से लड़ाकू तत्परता गश्ती का आयोजन करेगी।

मंगलवार को ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा कि चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य के जल और हवाई क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नेविगेशन की स्वतंत्रता को प्रभावित करने और आक्रमण की तैयारी के लिए सैन्य अभ्यास का इस्तेमाल किया। वू ने कहा कि ताइवान के आसपास के क्षेत्रों में सैन्य अभ्यास करने का चीन का निर्णय अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ताइवान के अधिकारों का घोर उल्लंघन है और इससे क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरा है।

चीन ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में अपने बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को सही ठहराते हुए मंगलवार को कहा कि पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद देश अब हर संभव परिदृश्य के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
 

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