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DefExpo 2020: इजरायल- भारत मिलकर बनाएंगे बम बरसाने वाला ड्रोन, अब 'चीता' से होगी सर्जिकल स्ट्राइक!

Updated Feb 04, 2020 | 14:40 IST

Defense Expo-2020: भारत और इजरायल के बीच डिफेंस एक्सपो में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। इसके तहत हमलावर ड्रोन बनाए जाने की योजना है।

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भारत- इजरायल की मदद से बनाएगा हमलवाल ड्रोन

नई दिल्ली: ईराक में हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ता एक अमेरिकी ड्रोन जिसने एयरपोर्ट के पास जा रहे गाड़ियों के काफिले पर हमला किया और देखते ही देखते ईरान के टॉप सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी को ढेर कर दिया। यह कोई पहली घटना नहीं थी जब अमेरिका ने इस तरह ड्रोन हमला किया हो अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अमेरिका ने आतंकियों पर ड्रोन के जरिए खूब तबाही ढाई है। भारत भी अपनी चुनौतियों को देखते हुए इस तरह की क्षमता हासिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा था और ऐसा लगता है जल्द ही यह क्षमता भारत को मिलने जा रही है।

भारत जल्द ही प्रोजेक्ट 'चीता' के तहत इजरायल के साथ हेरोन टीपी हमलावर ड्रोन के लिए 2800 करोड़ से ज्यादा की डील के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार डिफेंस एक्सपो 2020 के दौरान लखनऊ में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होने वाले हैं। हेरोन ड्रोन को इजरायली कंपनी इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) से खरीदा जाएगा लेकिन इनका निर्माण 'मेक इन इंडिया' के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की मदद से भारत में ही होगा।

इजरायल बीते लंबे समय से भारत का रक्षा साझेदार रहा है। कई मौकों पर इजरायल भारत की मदद के लिए आगे आता रहा है। अब एक बार फिर इसी दोस्त की मदद से भारत अमेरिका, चीन, इजरायल, ब्रिटेन जैसे चुनिंदा देशों के समूह में शामिल होने जा रहा है।

यहां जानें इजरायली ड्रोन की खासियतें:

  1. हेरोन ड्रोन की मदद से भारत के पास पीओके जैसे इलाकों में बिना इंसानी जीवन दांव पर लगाए सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन करने की क्षमता आएगी। भारत खतरनाक आतंकियों पर नजर रखकर उन पर हमला कर सकता है। पहाड़ी इलाकों हमला करने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  2. यह भारत का पहला हमलावर ड्रोन होगा जो सभी तरह के मौसम में मिशन बेहद सटीकता से ऑपरेशन कर सकता है। इसमें लड़ाई के मैदान में दोस्तों और दुश्मनों को पहचानने के लिए खास तकनीक मौजूद है और आधुनिक संपर्क और जीपीएस प्रणाली से भी लैस है।
  3. हेरोन टीपी इजरायली ड्रोन हमले के लिए लेजर गाइडेडे बम और हवा से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल करता है।
  4. 1000 किलोमीटर की दूरी पर, 370 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से, 45 हजार फीट की ऊंचाई पर 5600 किलो से ज्यादा वजनी यह ड्रोन 36 घंटे तक उड़ सकता है। 14 मीटर लंबाई के इस ड्रोन में 1200 हॉर्स पावर का इंजन लगा हुआ है।

फिलहाल भारतीय वायुसेना 100 हमलवार ड्रोन अपने बेड़े में शामिल करने पर विचार कर रही है। चीन पहले ही इस तरह के ड्रोन विकसित कर चुका है जबकि वह पाकिस्तान को भी यह हथियार उपलब्ध करवा रहा है हालांकि भारत के पास आ रहे इजरायली ड्रोन के ज्यादा आधुनिक और ताकतवर होने की संभावना है। भारत मौजूदा समय में नजर रखने और जानकारी इकट्ठा करने के लिए इजरायली सर्विलांस ड्रोन का इस्तेमाल करता है।

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