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चिंता बढ़ाने वाली है ये कोरोना पर ये स्टडी, अगले साल भारत में हर रोज आ सकते हैं 2.87 लाख केस

Updated Jul 08, 2020 | 15:50 IST

MIT के एक शोध के अनुसार, अगर जल्द ही वैक्सीन या कोई दवा नहीं बनती है तो कोरोना का कहर बहुत ज्यादा भयानक हो सकता है। भारत में अगले साल तक हर रोज 2 लाख 87 हजार मामले सामने आ सकते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा भारत
मुख्य बातें
  • MIT की स्टडी के अनुसार, कोरोना के मामले में भारत जल्द अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा
  • भारत अभी अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर है
  • अगले साल मई तक दुनियाभर में कोरोना के 24.9 करोड़ केस हो सकते हैं

नई दिल्ली: देश में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। कुल मामलों की बात करें तो भारत अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर आ गया है। देश में कोरोना के मामले 7 लाख 42 हजार से ज्यादा हो गए हैं। हर रोज 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में एक और स्टडी चिंता बढ़ाने वाली सामने आई है। इसके अनुसार अगर कोई वैक्सीन या दवाई नहीं बनती है तो भारत में 2021 की सर्दियों के अंत तक प्रति दिन कोरोना के 2 लाख 87 हजार मामले सामने आ सकते हैं। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के शोधकर्ताओं द्वारा एक मॉडलिंग अध्ययन के अनुसार ये आंकड़ा सामने आया है, जो काफी डराने वाला है।

विश्वसनीय परीक्षण डेटा वाले 84 देशों के डेटा का उपयोग कर शोधकर्ताओं ने एक गतिशील महामारी विज्ञान मॉडल विकसित किया है। यानी दुनिया की आबादी का लगभग 60 प्रतिशत कवर किया गया है। एमआईटी के स्लोन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के शोधकर्ताओं हाजी रहमानंद, टीवाई लिम और जॉन स्ट्रमैन ने भविष्यवाणी की है कि भारत 2021 में सर्दियों के अंत तक दुनिया में सबसे अधिक नए मामले दर्ज कर सकता है।

अध्ययन में दावा किया गया है कि बिना वैक्सीन या उपचार के अगले साल (मार्च-मई) तक 24.9 करोड़ से अधिक मामले और 18 लाख मौतें हो सकती हैं। अमेरिका में अभी कोरोना के 30 लाख से ज्यादा मामले है, शोधकर्ताओं का मानना है कि भारत जल्द ही इसे पार कर जाएगा। स्टडी के अनुसार, फरवरी 2021 के अंत तक अमेरिका सबसे अधिक नए मामलों में दूसरे नंबर पर होगा (प्रति दिन 95,000 मामले), इसके बाद दक्षिण अफ्रीका (प्रति दिन 21,000 मामले), ईरान (प्रति दिन 17,000 मामले) और इंडोनेशिया (13,000 मामले प्रति दिन)। 

MIT शोधकर्ताओं का दावा है कि मामलों की वास्तविक संख्या 12 गुना अधिक है, और इस वायरस से जो मौतें हो रही हैं वो रिपोर्ट की गई मौतों की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक हैं। 
 

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