गाजियाबाद : अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद हालात दिन-ब-दिन बदतर हो रहे हैं। हजारों की संख्या में लोग काबुल एयरपोर्ट पर जुटे हैं, ताकि वे इस खौफनाक व दमघोंटू माहौल से दूर सुकूनभरी जिंदगी जी सकें। हालांकि सभी को यह मौका नसीब नहीं हो रहा। ऐसे लोग राहतभरी सांस ले रहे हैं, जो अफगानिस्तान से निकल पा रहे हैं। ऐसे ही कुछ अफगान नागरिक भारत पहुंचे, जो अब यहां से किसी भी सूरत में लौटना नहीं चाहते।
भारतीय वायुसेना का विशेष विमान C-17 168 लोगों को काबुल से लेकर गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर उतरा, जिसमें 107 भारतीय और 23 अफगान हिन्दू और सिख भी हैं। ये तालिबान के राज में यूं खौफजदा हुए कि अपना ही मुल्क छोड़ना उन्हें बेहतर लगा। इनमें सादिया भी शामिल हैं, जो यहां अपनी बेटी और दो नातियों के साथ पहुंची हैं। तालिबान राज के रोंगटे खड़े कर देने वाले अनुभवों को याद कर वह सिहर उठती हैं और कहती हैं कि अब उन्हें उसी माहौल में वापस नहीं जाना है।
'तालिबान ने मेरे घर में आग लगा दी'
उन्होंने बताया कि किस तरह तालिबान ने उन्हें चार से पांच घंटों तक बंधक बनाए रखा और अंतत: उनके घर को जला दिया। अफगानिस्तान से निकासी के लिए वह भारत का शुक्रिया अदा करते नहीं थकती। वह कहती हैं, 'अफगानिस्तान में हालात दिन-ब-दिन खराब हो रहे थे। इसलिए मैं अपनी बेटी और दो नातियों के साथ यहां चली आई। हमारे भारतीय भाई-बहन हमारी मदद के लिए आगे आए। उन्होंने (तालिबान) मेरा घर जला दिया। अफगानिस्तान में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। मैं हमारी मदद के लिए भारत का शुक्रिया अदा करती हूं।'
एक अन्य अफगान नागरिक ने कहा, 'अब हम यहां राहत महसूस कर रहे हैं। अफगानिस्तान में हालात हर रोज खराब हो रहे हैं। लोगों के मन में बहुत डर है। हमने देखा है कि किस तरह वे भीड़ में गोलीबारी करते रहते हैं।'
'गुरुद्वारे में ली शरण'
अफगानिस्तान से भारत पहुंचे एक सिख नागरिक ने कहा, 'अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हैं। काबुल में हर तरफ गोलीबारी व बमबारी हो रही है। भारत हमारी मदद के लिए आगे आया, इसके लिए आभारी हूं। विमान में सवार होने से पहले तक हमने गुरुद्वारे में शरण ले रखी थी।'