नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान में तनाव के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से सधी प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का कहना है कि हालात पर सरकार की करीबी नजर है। भारत का मानना है कि दोनों देशों के बीच तनाव जल्द से जल्द समाप्त होना चाहिए। यह पूरी दुनिया के हित में जरूरी है। सरकार जितने भी पक्ष हैं उनसे लगातार संपर्क में है।
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि जब तक ईरान के रुख में बदलाव नहीं होगा उस घड़ी तक अमेरिका का दबाव बना रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कुछ नए प्रतिबंधों के भी लगाने की बात कही। ऐसे में सवाल था कि चाबहार बंदरगाह पर अमेरिका का रुख क्या है। इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अहर अमेरिकी नजरिए की बात करें तो वो पहले सकारात्मक था, जहां जक मौजूदा हालात में किसी तरह के सवाल की बात करें तो ये सब काल्पनिक है। हम देखेंगे की आखिर क्या होता है। लेकिन एक बात की तारीफ करनी होगी कि अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह को प्रतिबंधों से अलग रखा है।
पाकिस्तान के ग्वादर में चीन द्वारा विकसित किए जा रहे बंदरगाह की काट के लिए भारत ने चाबहार का चयन किया था। लेकिन हालिया संकट की वजह से इस तरह की आशंका है कि इसके विकास पर असर पड़ेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि जब तक वो राष्ट्रपति हैं ईरान को परमाणु हथियार रखने वाले देश के तौर उभरने नहीं देंगे। ईरान की जनता से उन्हें किसी तरह का ऐतराज नहीं है। लेकिन कासिम सुलेमानी जैसे लोगों के अस्तित्व को अमेरिका हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर देगा। उन्होंने कहा था कि सच तो ये है सुलेमानी विश्व के लिए खतरा था और उसका खात्मा बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था।