- भारत जल्द ही इजरायल के साथ दो 'फाल्कन' AWACS की खरीद के लिए डील पक्का करने जा रहा है
- ये आसमान में भारत की आंख बनकर काम करेंगे और चीन-पाकिस्तान की गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे
- भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही तीन फाल्कन अवाक्स मौजूद हैं, जिसमें दो और AWACS जुड़ेंगे
नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनातनी के बीच भारत जल्द ही इजरायल से दो अन्य 'फाल्कन' एयरबॉर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) एयरक्राफ्ट खरीदने जा रहा है, जो आसमान में भारत की दो आंखों के तौर पर काम करेगा। यह चीन के साथ-साथ पाकिस्तान की हरकतों पर भी पैनी नजर रखेगा। रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी जल्द ही इजरायल के साथ दो अवाक्स की खरीद के लिए समझौते को अंतिम रूप दे सकती है।
भारत और इजरायल के बीच पहले भी इस पर बातचीत हो चुकी है। यह समझौता करीब 1 अरब डॉलर का है, जो किन्हीं कारणों से अब तक लंबित रहा है। हालांकि चीन के साथ हालिया तनातनी और पाकिस्तान के साथ खराब रिश्ते को देखते हुए भारत में दो अन्य अवाक्स की खरीद की जरूरत समझी जा रही है, जिसे देखते हुए रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी जल्द ही इस डील को मंजूरी दे सकती है, जिस पर विस्तृत चर्चा पहले ही हो चुकी है।
IAF के पास पहले से हैं 3 AWACS
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही तीन फाल्कन अवाक्स मौजूद हैं, जिन्हें वायुसेना में 2009 से लेकर 2011 के बीच शामिल किया गया था। इसके लिए 1.1 अरब डॉलर का समझौता हुआ था। 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के अनुसार, अब इजरायल के साथ जिन दो अन्य फाल्कन अवाक्स एयरक्राफ्ट को लेकर जल्द डील होने की संभावना है, उसके तहत इनकी आपूर्ति अगले तीन से चार वर्षों में होने का अनुमान है।
बताया जा रहा है कि ये दो अवाक्स पहले के तीन फाल्कन अवाक्स की तुलना में अधिक उन्नत होंगे, जिससे भारत की रक्षा क्षमता और मजबूत होगी। फाल्कन अवाक्स एयरक्राफ्ट आसमान में भारत की आंख की तरह काम करेंगे, जिससे लंबी दूरी के कई तरह के फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स पर नजर रखी जा सकेगी। अतिरिक्त अवाक्स की आवश्यकता बालाकोट एयरस्ट्राइक और उसके बाद पाकिस्तानी विमानों की भारतीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश के दौरान और हाल में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ हुई झड़प में भी महसूस की गई।