- वायुसेना ने पाकिस्तान सीमा पर फाइटर एलसीए तेजस को तैनात किया
- दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत का माकूल जवाब दिया जाएगा
- स्वदेशी तेजस विमान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रशंसा की थी
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारतीय वायु सेना (IAF) ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान सीमा के साथ पश्चिमी मोर्चे पर स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस को तैनात कर दिया है। सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, 'LCA तेजस को भारतीय वायु सेना द्वारा वेस्टर्न फ्रंट पर पाकिस्तान सीमा के करीब तैनात किया गया है, ताकि वहां विरोधी द्वारा किसी भी संभावित कार्रवाई का ध्यान रखा जा सके।'
सूत्रों के अनुसार, दक्षिणी वायु कमान के तहत सुलूर स्थित पहला एलसीए तेजस स्क्वाड्रन, 45 स्क्वाड्रन (फ्लाइंग डैगर्स) को ऑपरेशनल भूमिका में तैनात किया गया है।
स्वदेशी तेजस विमान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान प्रशंसा की गई थी, जहां उन्होंने कहा था कि LCA Mark1A वर्जन को खरीदने की डील जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। पीएम ने कहा था, 'अपना तेजस भी…अपना तेज, अपनी तेजी और अपनी ताकत दिखाने के लिए आधुनिक जरूरतों के हिसाब से तैयार हो रहा है।'
जहां विमानों का पहला स्क्वाड्रन इनीशियल ऑपरेशनल क्लीयरेंस वर्जन का है, वहीं दूसरा 18 स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग बुलेट' फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस वर्जन का है और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया द्वारा 27 मई को सुलूर एयरबेस में संचालन में लाया गया था। भारतीय वायु सेना और रक्षा मंत्रालय को इस वर्ष के अंत तक 83 Mark1A विमानों के लिए सौदे को अंतिम रूप देने की उम्मीद है। सीमाओं पर चीनी आक्रमण के मद्देनजर, भारतीय वायुसेना ने अपने विमानों को चीन और पाकिस्तान दोनों सीमाओं पर तैनात किया है।
लद्दाख में भी पूरी तैयारी
चीन के खिलाफ भारतीय वायु सेना को अब हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) का भी साथ मिला है। एचएएल द्वारा बनाए गए दो हेलिकॉप्टरों की तैनाती लेह में हुई है। चएएल द्वारा विकसित ऐसे दो हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की तैनाती लेह सेक्टर ऊंचाई वाले स्थानों पर की गई है। इन हल्के लड़ाकू विमानों की तैनाती के बाद से लेह में आईएएफ की सामरिक क्षमता में और इजाफा हो गया है। इसके अलावा भारत ने पूर्वी लद्दाख में एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम की भी तैनाती की है। यह मिसाइल सिस्टम सतह से हवा में मार करने में सक्षम है। यहां वायुसेना के लड़ाकू विमानों को भी किसी आपात परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रखा गया है।