- वेस्टर्न सीबोर्ड में भारत और फ्रांस की वायु सेना ने दिखाई अपनी ताकत
- युद्धाभ्यास में शामिल हुए सुखोई, राफेल, जगुआर और मिराज 2000
- रक्षा क्षेत्र में अपने सहयोग को और नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं दोनों देश
नई दिल्ली : भारत और फ्रांस रक्षा क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ संयुक्त युद्धाभ्यास के जरिए अपनी सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय एवं तालमेल कायम कर रहे हैं। दोनों देशों की वायु सेना वेस्टर्न सीबोर्ड क्षेत्र में संयुक्त अभ्यास कर रही हैं। इस यु्द्धाभ्यास को 'डेजर्ट नाइट 2' नाम दिया गया है जिसमें फ्रांस के राफेल, मिराज 2000 और भारतीय वायु सेना की ओर से सुखोई 30 और जगुआर लड़ाकू विमान शरीक हुए। भारतीय वायु सेना ने इस अभ्यास की तस्वीरें जारी की हैं। युद्धाभ्यास की ये तस्वीरें देशों की वायु सेना की बेजोड़ ताकत एवं बेहतर तालमेल को दर्शाने वाली हैं।
आईएएफ ने गुरुवार को अपने एक ट्वीट में कहा, 'भारतीय वायु सेना और फ्रांस की एयर एंड स्पेस फोर्स एयरक्राफ्ट के लड़ाकू विमान वेस्टर्न सीबोर्ड क्षेत्र में एक व्यापक युद्धाभ्यास में शामिल हुए। यह अभ्यास आपसी सहयोग एवं दोस्ताना संबंधों को और मजबूत बनाने वाला है।'
भारत और फ्रांस के सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास लगातार जारी है। दोनों देशों के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास 'एक्स-शक्ति 2021' सोमवार को फ्रांस के दक्षिणपूर्वी बंदरगाह शहर फ्रेजस में शुरू हुआ। यह संयुक्ताभ्यास 26 नवंबर तक चलेगा।
यह युद्धाभ्यास प्रत्येक दो साल पर होता है। पिछला शक्ति युद्धाभ्यास साल 2019 में राजस्थान में हुआ था। इस संयुक्ताभ्यास का मकसद दोनों देशों की सेना के बीच बेहतर तालमेल, शारीरिक फिटनेस को नए स्तर पर ले जाने, युद्ध कौशल की नई रणनीतियां बनाने एवं एक-दूसरे के अनुभव साझा करना है।
हाल के वर्षों में फ्रांस, भारत का एक बड़ा रक्षा सहयोगी बनकर उभरा है। आतंकवाद के खिलाफ जंग में फ्रांस हमेशा भारत के साथ खड़ा है। राफेल रक्षा सौदे ने दोनों देशों के रक्षा सहयोग को और मजबूत किया है। फ्रांस से ही भारत को मिराज-2000 लड़ाकू विमान मिले हैं। दोनों देशों ने रणनीतिक संवाद के जरिए अपना रक्षा सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। फ्रांस ने रक्षा क्षेत्र में भारत को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए अपना पूर्व सहयोग देने का वादा किया है।