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जहां भारत के 120 जवानों ने मारे थे 1300 चीनी सैनिक, उस रेजांग ला में नए युद्ध स्मारक का उद्घाटन करेंगे राजनाथ सिंह

Updated Nov 12, 2021 | 08:19 IST

लद्दाख के जिस रेजांग ला में कभी भारतीय सैनिकों ने चीन को नाकों चने चबवा दिए थे, वहां 18 नवंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नए युद्ध स्मारक का उद्घाटन करेंगे।

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रेजांग ला में नए युद्ध स्मारक का उद्घाटन करेंगे राजनाथ सिंह
मुख्य बातें
  • रक्षा मंत्री 18 नवंबर को करेंगे नवनिर्मित रेजांग ला युद्ध स्मारक का उद्घाटन
  • एलएसी दौरे के दौरान रक्षा मंत्री के साथ मौजूद रहेंगे सीडीएस जनरल रावत
  • 1962 के रेजांगला युद्ध में भारत के 120 जवानों ने मारे थे 1,300 चीनी सैनिक

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 18 नवंबर को  वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) का दौरा कर लद्दाख में नवनिर्मित रेजांग ला युद्ध स्मारक का उद्घाटन करेंगे। युद्ध स्मारक का जीर्णोद्धार भारतीय सेना ने किया है। रेजांग ला की लड़ाई की 59वीं वर्षगांठ पर राजनाथ सिंह यहां पहुंचेगे और एलएसी पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा भी करेंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ रेजांग ला की 1962 की लड़ाई में शहीद हुए 114 भारतीय सैनिकों को सम्मानित करने के लिए जीर्णोदार कर बनाए गए नए युद्ध स्मारक का उद्घाटन भी करेंगे।

हुआ है स्मारक का जीर्णोदार

रक्षा मंत्री  रेजांग ला में जिस नए युद्ध स्मारक का उद्घाटन करेंगे वह पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में पहले बहुत छोटा स्मारक हुआ करता था, लेकिन अब इसका जीर्णोदार कर काफी बड़ा बनाया गया है। । अब पर्यटकों सहित आम जनता को स्मारक और सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने की अनुमति दी जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ यहां सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री विशेष रूप से कड़ाके की सर्दी के दौरान परिचालन संबंधी तैयारियों के लिए सैनिकों द्वारा उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा करेंगे।

बहादुरी से भरा है रेजांग ला का इतिहास

रेजांग ला का इतिहास बहादुरी और साहस से भरा हुआ है। यह स्थान भारतीय सैनिकों की बहादुरी का ऐसा गवाह बना कि इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। 18 नवंबर 1962 में यहां भारतीय सेना की 13 कुमाऊं के 120 जवानों ने मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में चीन के 1,300 सैनिकों को मार गिराया था। अचानक 5 हजार चीनी सैनिकों द्वारा किए गए हमले का जवाब मेजर शैतान सिंह की अगुवाई में वहां तैनात 120 जवानों की भारतीय टुकड़ी ने दिया और 1300 चीनी सैनिक मार गिराए। बाद में भारत के 114 जवान भी शहीद हो गए बचे 6 जवानों को चीन बंदी बनाकर ले गया। हालांकि बाद में सभी 6 जवान बचकर लौट आए।

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