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'यह रूस का गैर जिम्मेदार तरीका', यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर हमले के बाद बोले भारत के रक्षा विशेषज्ञ 

Updated Mar 04, 2022 | 11:42 IST

Attack on Zaporizhzhia nuclear power plant : पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार ने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ बातचीत में कहा कि न्यूक्लियर प्लांट पर हमला मानवता के ऊपर हमले की तरह है। 1945 के बाद पहली बार इस तरह का हमला हुआ है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
जपोरिजिया परमाणु पावर प्लांट पर रूस ने किया है हमला।
मुख्य बातें
  • रूस ने यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला किया है
  • इस हमले पर दुनिया भर के देशों ने चिंता जताई है, भारत भी परेशान
  • यूक्रेन के शहरों पर रूस ने अपने हमले तेज कर दिए हैं, कीव में भी हमला

Russia Ukraine war : यूक्रेन पर रूस के हमले के नौ दिन हो गए हैं। इन नौ दिनों में युद्ध से हुई तबाही का जो मंजर सामने आया है, वह रूह कंपा देने वाला है। यूक्रेन के शहर आग के गोलों में तब्दील होते जा रहे हैं। इमारतें जमींदोज हो गई हैं। सड़कों पर जलते हुए टैंक-बख्तरबंद वाहन देखे जा रहे हैं। आसमान में घुएं का गुबार है। निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र जपोरिजिया पर रूस के हमले के बाद दुनिया खौफ में आ गई है। कहा जा रहा है कि इस परमाणु प्लांट में यदि विस्फोट हो गया तो चेर्नोबिल से 10 गुना ज्यादा तबाही हो सकती है। न्यूक्लियर प्लांट पर रूस के हमल के बाद दुनिया के काफी चिंतित हो गए हैं। ब्रिटेन की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की गई है। रूस के इस हमले के बाद भारत में भी रक्षा एवं न्यूक्लियर मामलों के जानकारों ने चिंता जताई है।   

यह मानवता के ऊपर हमला है-सज्जनहार
पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार ने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ बातचीत में कहा कि न्यूक्लियर प्लांट पर हमला मानवता के ऊपर हमले की तरह है। 1945 के बाद पहली बार इस तरह का हमला हुआ है। कोई भी देश परमाणु अस्त्र के हमले की बात नहीं करना चाहता। दुनिया परमाणु हमले से होने वाली बर्बादी को देख चुकी है। कोई देश नहीं चाहता कि उसके ऊपर परमाणु हमला हो और न ही कोई देश न्यूक्लियर अटैक करना चाहता है। दुनिया के देश कोशिश कर रहे हैं कि पुतिन मान जाएं और हमले बंद हो जाएं लेकिन अब तक की बैठकों एवं प्रतिबंधों का उन पर असर नहीं हुआ है।

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'अलग थलग पड़ गया है रूस'
उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस अलग-थलग जरूर पड़ गया है। पुतिन पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है लेकिन इसका असर होता नहीं दिख रहा है। रूस और यूक्रेन के लोग अगर भाई-भाई हैं तो इस तरह के हमले क्यों हो रहे हैं। पुतिन ने कहा था कि नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया जा रहा है लेकिन आम लोग मारे जा रहे हैं। पुतिन को बताया जाना चाहिए कि जिस रास्ते पर वह चल पड़े हैं उससे आने वाले समय में रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। रूस ने बहुत ही गैर जिम्मेदाराना और अतार्किक तरीका अपनाया है। 



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क्या परमाणु हथियारों से हो सकती है सुरक्षा?
न्यूक्लियर मामलों के जानकार राजीव नयन ने कहा कि यूक्रेन में तबाही का मंजर है। आज बड़ा प्रश्न यह हो गया है कि क्या परमाणु बम बनाकर कोई देश अपनी सुरक्षा कर सकता है? इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सकता। 1945 के बाद कोई भी देश परमाणु हमले की धमकी नहीं देता है। दुनिया के परमाणु हथियारों को रखते हुए कुछ अंतरराष्ट्रीय मानकों एवं व्यवस्था का पालन करते हैं लेकिन रूस ऐसा करता नहीं दिख रहा है। 
 

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