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शाहीन बाग प्रदर्शन में रोज मां के साथ आता था 4 महीने का जहान, सर्दी की चपेट में आने हुई मौत

Updated Feb 04, 2020 | 05:45 IST

चार महीने का बच्चा मोहम्मद जहान हर रोज शाहीन बाग में प्रदर्शन में शामिल होने अपनी मां के साथ आता था। लोग उसे खूब प्यार करते थे गालों पर तिरंगा बनाते थे, लेकिन अफसोस है कि वो अब इस दुनिया में नहीं रहा।

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शाहीन बाग: मां के साथ आता था चार माह का जहान, ठंड से हुई मौत
मुख्य बातें
  • 18 दिसंबर से शाहीन बाग प्रदर्शन में तकरीबन हर रोज शामिल हो रही है मासूम जहान की मां
  • बाटला हाउस इलाके में छोटी सी झोपड़ी में रहता है नाजिया का परिवार
  • पिछले हफ्ते हांड कंपा देने वाली सर्दी की चपेट में आने के कारण हुई जहान की मौत

नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले पचास दिन से भी ज्यादा समय से प्रदर्शन चल रहा है। महिलाएं इस धरने में सबसे ज्यादा मुखर होकर भाग ले रही है। इन्ही महिलाओं में से एक महिला हैं नाजिया जिनके साथ उनका चार महीने का बच्चा मोहम्मद जहान भी तकरीबन हर रोज इन विरोध प्रदर्शनों में आता। वह प्रदर्शनकारियों का पंसदीदा बच्चा था और अक्सर लोगों के हाथों में रहता था और उसके गाल पर लोग तिरंगा बना देते थे। लेकिन अफसोस है कि जहान अब इस विरोध प्रदर्शन में नहीं दिखेगा क्योंकि वह अब इस दुनिया से ही रूखसत हो चुका है।

सर्दी लगने से हुई बच्चे की मौत

 चार महीने के जहान की कड़ाके की सर्दी में ठंड लगने से पिछले हफ्ते मौत हो गई है। हालांकि उसकी मां अभी भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए दृढ़ है जो कहती हैं कि यह 'मेरे बच्चों के भविष्य के लिए' है। जहान के माता-पिता, मोहम्मद आरिफ और नाजिया, बाटला हाउस इलाके में प्लास्टिक की चादरों और कपड़े से बनी एक छोटी सी झोंपड़ी में रहते हैं और उनके दो और बच्चे- एक पाँच साल की बेटी और एक साल का बेटा है।

बेहद गरीब है नाजिया का परिवार

 उत्तर प्रदेश के बरेली से ताल्लुक रखने वाले इस दंपति की जरूरतें मुश्किल से पूरी हो पाती हैं। आरिफ एक एम्ब्रॉयडरी कारीगर होने के साथ-साथ ई-रिक्शा भी चलाता है। उसकी पत्नी भी एम्ब्रॉयडरी के काम में उसकी मदद करती है। 4 महीने के मासूम बेटे जहान की तस्वीर दिखाते हुए मोहम्मद आरिफ बताते हैं, ' पिछले एक महीने के दौरान ई-रिक्शा और एम्ब्रॉयडरी का काम करने के बावजूद मैं उतनी कमाई नहीं पाया हूं। अब ऊपर से हमारा बेटा इस दुनिया में नहीं है। हमारा सब कुछ खत्म हो गया है।'

31 जनवरी को हुई जहान की मौत

नाज़िया बताती है कि विरोध प्रदर्शन से लौटने के बाद 30 जनवरी की रात को जहान की सोते-सोते ही मौत हो गई। नाजिया ने बताया 'मैं शाहीन बाग़ से लगभग 1 बजे लौटी थी। उसे और अन्य बच्चों को सुलाने के बाद मैं सोने चले गई। सुबह मैंने देखा कि जहान हिल-डुल नहीं रहा है तुरंत हम उसे 31 जनवरी की सुबह पास के अल्शिफ़ा अस्पताल ले गए, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

सीएए के खिलाफ है नाजिया

नाज़िया 18 दिसंबर से जहान के साथ शाहीन बाग प्रदर्शन में रोज शामिल हो रही हैं। नाजिया ने बताया कि जहान की मौत ठंड की चपेट में आने से हो गई। हालांकि, अस्पताल द्वारा जारी किए गए बच्चे के मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का कोई विशेष कारण नहीं बताया गया है। नाजिया बताती हैं 'मैं ऐसा क्यों कर रही थी? मेरे बच्चों और हम सभी के बच्चों के लिए जिन्हें इस देश में उज्ज्वल भविष्य की आवश्यकता है। सीएए हमें धर्म पर विभाजित करता है और इसे कभी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। मुझे नहीं पता कि इसमें राजनीति शामिल है या नहीं, लेकिन मुझे पता है कि मुझे सवाल करना चाहिए कि मेरे बच्चों के भविष्य के खिलाफ क्या है।'

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