लाइव टीवी

एक्शन के लिए तैयार हो रहा है INS विक्रांत,लगाई जा रही हैं यह आधुनिक मिसाइल और तोप

शिवानी शर्मा | Deputy News Editor
Updated Sep 19, 2022 | 16:48 IST

अपनी कमिश्निंग के बाद भारत का पहला इंडीजीनस एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत एक्शन के लिए तैयार हो रहा है।

Loading ...
पिछले साल अगस्त में शुरू हुए सी ट्रायल्स के पांच चरण पूरे करने के बाद 2 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना में कमीशन किया था।
मुख्य बातें
  • LR-SAM मिसाइल से लैस हो रहा है विक्रांत 
  • मिसाइल और आधुनिक हथियारों से बढ़ेगी आईएनएस की फायर पावर 
  • हर समुद्री मोर्चे पर दुश्मन को परास्त करने के लिए तैयार है विक्रांत 

नई दिल्ली: अपनी कमिश्निंग के बाद भारत का पहला इंडीजीनस एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत एक्शन के लिए तैयार हो रहा है। इसे बनाने वाला कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड अब आईएनएस विक्रांत पर अहम मिसाइलों का इंटीग्रेशन कर रहा है। इन मिसाइलों के साथ विक्रांत पर आधुनिक गन सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं, ताकि भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर समुद्र की सीमाओं पर दुश्मन की किसी भी चालबाजी से निपट सके।

LR-SAM मिसाइल से लैस हो रहा है विक्रांत 

 आईएनएस विक्रांत पर अब LR-SAM यानि Long-Range Surface-to-Air मिसाइल लगाई जा रही हैं। इस मिसाइल के अलावा विक्रांत पर MF-STAR यानी मल्टीफंक्शन डिजिटल एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक रडार भी इंस्टॉल किया जा रहा है, इंस्टॉलेशन को अगले 2 महीने में पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद विक्रांत की ताकत कई गुना और बढ़ जाएगी। 

मिसाइल और आधुनिक हथियारों से बढ़ेगी आईएनएस की फायर पावर 

पिछले साल अगस्त में शुरू हुए सी ट्रायल्स के पांच चरण पूरे करने के बाद 2 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना में कमीशन किया था। यह अब तक का सबसे कांप्लेक्स, सबसे ताक़तवर और बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर है जो भारत ने खुद तैयार किया है। अब इसकी मारक क्षमता को और ज्यादा बढ़ाया जा रहा है, इसमें तैनात फाइटर एयरक्राफ्ट्स में भी मिसाइल और बम इंटीग्रेट किए गए हैं, वहीं शिप के ऊपर भी तमाम तरह के स्टैटिक वेपंस लगाए जा रहे हैं। 

नवंबर में शुरू होंगे एविएशन ट्रायल 

नवंबर में आईएनएस विक्रांत के एविएशन ट्रायल शुरू होने वाले हैं यानि जो लड़ाकू विमान विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे वह अपने युद्ध कौशल को परखेंगे। इन ट्रायल्स से पहले विक्रांत पर मिसाइल सिस्टम लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। कमिश्निंग के कुछ दिन पहले ही कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना को सौंप दिया था। अब इस एयरक्राफ्ट कैरियर का पूरा ऑपरेशन भारतीय नौसेना ही संभाल रही है, लेकिन कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड एविएशन कांप्लेक्स और मिसाइल सिस्टम इंस्टॉलेशन का काम पूरा करने में जुटा हुआ है। एविएशन ट्रायल के दौरान भारतीय नौसेना और शिपयार्ड मिलकर मिसाइलों और गन  सिस्टम्स की फाइन ट्यूनिंग करेगा।

 AK-630 तोपों से बढ़ेगी विक्रांत की ताकत 

कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड के चेयरमैन मधु एस. नायर के मुताबिक इन मिसाइलों के लिए आईएनएस विक्रांत को ड्राई डॉक पर भी लाया जाएगा और जैसे ही काम पूरा हो जाएगा यह जरूरत के मुताबिक सेल करेगा। विक्रांत पर 32 मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल (एमआरएसएम) और एके630 गन (तोप) भी तैनात होंगी । AK-630 छह-बैरल बाली वाली आर्टिलरी गन है जो हवाई और समुद्री सतह के आसपास किसी भी तरह के लक्ष्य को बेहद प्रभावशाली ढंग से साध सकती है। इसकी रेंज 4 से 5 किलोमीटर तक की है और यह हर मिनट में 4000 से 5000 राउंड फायर कर सकती है। आईएनएस विक्रांत में l 

 हर समुद्री मोर्चे पर दुश्मन को परास्त करने के लिए तैयार है विक्रांत 

 LRSAM और AK 630 गन के अलावा भी कई अलग-अलग रेंज की मिसाइल सिस्टम तैनात किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी तरह की समुद्री लड़ाई में दुश्मन भारत के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर के सामने टिक ना सके। इंडियन ओशन रीजन में चीन की आक्रामकता और और पश्चिमी कोस्टल लाइन पर पाकिस्तान के खिलाफ अपने समुद्री मोर्चे को मजबूत रखना भारत की प्राथमिकता है। ऐसे में आईएनएस विक्रांत पर लगे गन सिस्टम्स और मिसाइल दुश्मन की किसी भी गतिविधि को देखते ही नियंत्रित कर सकते हैं। 

 रूस और इजराइल से आए यह पार्ट्स 

आईएनएस विक्रांत के एविएशन कंपलेक्स के कुछ पार्ट्स रूस से मंगाए गए हैं। LRSAM  को डीआरडीओ और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री IAI ने मिलकर तैयार किया है और इसका उत्पादन भारत डायनामिक्स लिमिटेड कर रहा है।


2 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विक्रांत को भारतीय नौसेना में कमीशन किया। 262 मीटर लंबे रनवे वाला विक्रांत 50 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है, 48000 टन के डिस्प्लेसमेंट वाले इस एयरक्राफ्ट कैरियर में 2300 कंपार्टमेंट्स है जिसमें 1700 लोगों के लिए केबिन तैयार किए गए हैं। इसका आकार दो फुटबॉल ग्राउंड जितना बड़ा है, जबकि इसमें 14 डेक्स है। अपने आकार और जटिल सिस्टम्स के साथ-साथ आईएनएस विक्रांत की फायर पावर भी बेमिसाल हो जाएगी।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।