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koo App पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने  पोस्ट किया अपना पहला मैसेज, ट्वीटर से हैं खफा 

Updated Jun 16, 2021 | 23:34 IST

CM Yogi on koo app:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कू (Koo) पर मैसेज लिखना शुरू कर दिया है, बुधवार को उन्होंने इस भारतीय एप पर अपना पहला संदेश लिखा। 

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्य बातें
  • सीएम योगी ने कू ऐप पर पहला मैसेज पोस्ट किया
  • ऐप कू पर देश की तमाम बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने अपने अकाउंट बनाना शुरू कर दिया
  • योगी सरकार ने ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी

नई दिल्ली: इस साल फरवरी के महीने में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपना एकाउंट 'कू' पर खोल कर सोशल मीडिया के इस नए प्लेटफार्म पर उपस्थिति दर्ज कराई थी और महज कुछ ही दिनों में भारी संख्या में कू' यूजर्स ने उनको फॉलो भी करना शुरू कर दिया था अब सीएम योगी ने कू ऐप पर पहला मैसेज पोस्ट किया है।

गौरतलब है कि माइक्रो- ब्लॉगिंग ऐप कू पर देश की तमाम बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने अपने अकाउंट बनाना शुरू कर दिया।  ऐप पर बीजेपी के अलावा कांग्रेस, शिव सेना, भीम आर्मी, बसपा, सपा आदि पार्टी से जुड़े नेताओं ने भी अपना सोशल मीडिया अकाउंट बनाया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कू एप पर लिखा- 'गाजीपुर में मां गंगा की लहरों पर तैरते संदूक में रखी नवजात बालिका 'गंगा' की जीवन रक्षा करने वाले नाविक ने मानवता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। नाविक को आभार स्वरूप सभी पात्र सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। प्रदेश सरकार नवजात बच्ची के लालन-पालन का संपूर्ण प्रबंध करेगी।'

योगी सरकार ने ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई

गाजियाबाद जिले में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई को सांप्रदायिक रंग देने के मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में 8 अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ था। ट्विटर पर आरोप है कि इस तरह के वीडियो पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस वीडियो को इस प्रचारित किया गया कि मुस्लिम शख्स को निशाना बनाया गया, उसकी पिटाई की गई और जबरन उनकी दाढ़ी काटने का आरोप लगा। ट्विटर भ्रामक खबरों को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' कहता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। 

ट्विटर को जो 'कानूनी संरक्षण' मिला हुआ था उसने वह खो दिया

गौर हो कि माइक्रोब्लागिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर थर्ड पार्टी कंटेंट पर सरकार की तरफ से उसे जो 'कानूनी संरक्षण' मिला हुआ था उसने वह खो दिया है। दरअसल, आईटी मंत्रालय के नए नियमों के मुताबिक कंपनी की भूमिका पर उसे एक वैधानिक अधिकारी, भारत में एक प्रबंध निदेशक सहित एवं अन्य अधिकारियों की नियुक्ति करनी थी लेकिन इन अधिकारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। अब  कोई यूजर यदि ट्विटर पर 'गैर-कानूनी सामग्री' एवं 'भड़काऊ पोस्ट' शेयर करता है तो कंपनी आईपीसी की आपराधिक धाराओं एवं पुलिस पूछताछ का सामना करेगी। 

ट्विटर को अब आईपीसी की धाराओं का सामना करना होगा

रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के एक सूत्र ने कहा, 'आईटी की नई गाइडलाइन का पालन करने के लिए कंपनी को अतिरिक्त समय दिया गया था लेकिन वह तय समय में गाइडलाइन का पालन नहीं कर पाई है। हमने इस बारे में उसे बार-बार याद दिलाया और अतिरिक्त समय भी दिया। अब ट्विटर ने अपना कानूनी संरक्षण खो दिया है। अब थर्ड पार्टी गैर-कानूनी कंटेंट पर उसे आईपीसी की धाराओं का सामना करना होगा।'  

   

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