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पीएनबी धोखाधड़ी मामला:  इंटरपोल ने फिर सार्वजनिक किया नीरव मोदी के भाई के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस 

Updated May 26, 2020 | 08:33 IST

इंटरपोल(INTERPOL) ने एक बार फिर भारत के भगोड़े हारा व्यापारी नीरव मोदी(Neerav Modi) के भाई निहाल मोदी के खिलाफ एक बार फिर से रेड कॉर्नर नोटिस(Red Corner Notice) को सार्वजनिक कर दिया है।

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Nirav Modi
मुख्य बातें
  • पीएनबी घोटाले में जांच के लिए भारतीय एजेंसियों को है नीरव मोदी के बड़े भाई निहाल मोदी की तलाश
  • निहाल मोदी है बेल्जियम का नागरिक, रेड कॉर्नर नोटिस पर रोक के लिए की थी अपील
  • निहाल पर है पीएनबी मामले के सबूत मिटाने का आरोप

नई दिल्ली: इंटरपोल ने भारतीय एजेंसियों के आग्रह पर भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भाई निहाल मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस को फिर से सार्वजनिक किया है। निहाल ने इंटरपोल द्वारा इसे जारी किए जाने के खिलाफ पिछले वर्ष अपील की थी लेकिन हाल में उसकी अपील नामंजूर हो गई, जिसके बाद इसे सार्वजनिक किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि बेल्जियम का नागरिक निहाल दीपक मोदी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा वांछित है। उसके बड़े भाई द्वारा पंजाब नेशनल बैंक के साथ कथित तौर की गई धोखाधड़ी के मामले में वह वांछित है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र में निहाल के नाम का जिक्र 27वें आरोपी के तौर पर किया गया है। कथित अपराध की कड़ी को खत्म करने के लिए उस पर दुबई में साक्ष्यों को नष्ट करने के आरोप हैं।

भारतीय एजेंसियों के आग्रह पर इंटरपोल ने निहाल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया किया था और उसके बारे में ज्यादा सूचना जुटाने के लिए सार्वजनिक किया था। आरसीएन के माध्यम से पूरी दुनिया में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से आग्रह किया जाता है कि प्रत्यर्पण होने तक किसी व्यक्ति को अस्थायी रूप से गिरफ्तार किया जाए, वह आत्मसमर्पण करे या इसी तरह की उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

निहाल ने दी थी रेड कॉर्नर नोटिस को चुनौती
निहाल ने इसे कमीशन फॉर कंट्रोल ऑफ इंटरपोल फाइल्स (सीसीएफ) के समक्ष चुनौती दी थी। यह एक स्वतंत्र निकाय है जो सुनिश्चित करता है कि इंटरपोल के माध्यम से सभी निजी आंकड़े संगठन के नियमों के मुताबिक हों।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष निहाल मोदी द्वारा आरसीएन को चुनौती देने का आग्रह प्राप्त होने के बाद इंटरपोल ने इसे आम लोगों की नजरों से दूर कर दिया था, लेकिन सदस्य देशों की कानून लागू करने वाली एजेंसियां इसे देख सकती थीं। अधिकारियों ने बताया कि सीसीएफ ने हाल में निहाल मोदी की याचिका खारिज कर दी और आरसीएन को फिर से सार्वजनिक कर दिया गया।


 

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