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क्या कश्मीरी लड़कियों से शादी की इच्छा रखना मर्दाना राष्‍ट्रवादी विचार है? 

Updated Aug 10, 2019 | 14:14 IST | मनोज यादव

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटने के बाद से कुछ लोग सोशल मीडिया पर कश्मीरी लड़कियो से शादी करने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं, तो जिम्मेदार पदों पर बैठे कुछ लोग कश्मीरी लड़कियों को बहू बनाने की बात करने लगे हैं।  

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कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद कश्मीरी लड़कियों से शादी की बातें की जा रही हैं (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
  • सोशल मीडिया पर कश्मीर को लेकर तमाम बातें की जा रही हैं
  • कश्मीरी लड़कियों से शादी करने की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है
  • हरियाणा के सीएम खट्टर ने कहा-शादी के लिए कश्मीरी लड़कियों को लाने का रास्ता अब साफ हो गया है

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किए जाने के बाद से ही सोशल मीडिया से लेकर देश के कई हिस्सों में लोग तरह-तरह की बातें करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर इस समय जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वह है कश्मीरी लड़कियों से शादी करने की। पहले यह प्रावधान था कि अगर कोई कश्मीरी लड़की किसी दूसरे राज्य के लड़के से शादी करती है तो मां-बाप की संपत्ति में उसकी हिस्सेदारी खत्म हो जाती थी। अब धारा 370 के हटते ही वह बात अपने आप ही खत्म हो गई। जिसको लेकर सोशल मीडिया पर भले ही मजाक चल रहा हो, लेकिन उसके भी मायने निकाले जा रहे हैं। 

अगर सोशल मीडिया पर की जा रही बातों को मजाक के तौर पर ही लिया जाए, तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने पर विवादित बयान देते हुए कहा कि शादी के लिए कश्मीरी लड़कियों को लाने का रास्ता अब साफ हो गया है।

मुख्यमंत्री फतेहाबाद में महर्षि भागीरथ जयंती के अवसर पर एक राज्य-स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे और हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान की सफलता पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले बिहार से बहू आती थी, लेकिन अब हम कश्मीर से लड़कियां लाएंगे। खट्टर के इस बयान के क्या मायने निकाले जाएं? क्या कश्मीर को लेकर लोगों के मन में इसी तरह की बातें की जानी चाहिए। वह भी किसी जिम्मेदारी व्यक्ति के मुंह से जो एक राज्य की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा हुआ हो। 

खट्टर ने आगे कहा कि हमारे मंत्री ओपी धनखड़ कहते थे कि उन्हें बिहार से बहुएं लानी होंगी। अब धारा 370 को समाप्त किए जाने के बाद आजकल लोग कहने लगे हैं कि कश्मीर का रास्ता साफ हो गया है और अब हम कश्मीर से बहुएं लाएंगे। 

भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने का प्रस्ताव किया गया है। 

गौरतलब है कि महिला अधिकारों के पैरोकारों ने देश भर के पुरुषों द्वारा ऑनलाइन पोस्टों की एक धार को दबा दिया है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर से विशेष अधिकारों को अचानक हटाने के बाद कश्मीरी लड़कियों से शादी करने के बारे में उत्साह व्यक्त किया। 

इसमें सबसे ज्यादा पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों ने संवैधानिक परिवर्तन के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर अगगिनत पोस्ट किए, जिसमें ज्यादातर लोगों ने ट्विटर और वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर कहा कि अब धारा 370 को समाप्त किए जाने के बाद कश्मीरी लड़कियों ले शादी करना आसान हो जाएगा। मुस्लिम पार्टी कार्यकर्ताओं को खुश होना चाहिए, अब वे गोरी-चिकनी त्वचा वाली कश्मीरी लड़कियों से शादी कर सकते हैं। #Kashmirigirl ट्विटर पर काफी समय तक ट्रेंड करता हुआ देखा गया। 

अब सवाल यह है कि धारा 370 हटने के बाद क्या कश्मीर में एक नई तरह की समस्या पैदा होने वाली है। सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे शब्द को लेकर इस तरह का अनुमान लगाया जाना मुनासिब हो सकता है। लेकिन लोगों में इस तरह की मानसिकता क्यों पनप रही है। पहले तो यह कहा जाता था कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, जो बात सच थी और अब सरकार ने उसको आपके साथ और गहरे तरीके से जोड़ दिया है। क्या लोगों की इस तरह की ओछी राष्ट्रवादी मानसिकता से कश्मीरियों के दिलों पर चोट नहीं लगेगी?

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