- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारत सहित दुनिया भर में योग का आयोजन
- आईटीबीपी के जवानों ने चीन से सटी सीमा पर 8,800 फीट की ऊंचाई पर किया योग
- साल 2015 से हर साल 21 जून को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर भारत-चीन सीमा पर तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने रविवार को छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लद्दाख में बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों पर 18,800 फीट की ऊंचाई पर योग किया। हिमवीरों ने हिमालय की अलग-अलग ऊचांइयों पर योग किया। जवानों ने सिक्किम हिमालय में 18,800 फीट से लेकर लद्दाख में खारदुंग ला तक 14,000 फीट की ऊंचाई पर और वसुंधरा उत्तराखंड में बद्रीनाथ के पास 14,000 फीट की ऊंचाई पर योग किया।
हर साल मनाया जाता है बॉर्डर पर योग दिवस
विशेष पर्वतीय बल, आईटीबीपी, लद्दाख के काराकोरम र्दे से लेकर अरुणाचल प्रदेश में जाछेप ला तक भारत-चीन सीमा के 3,488 किलोमीटर की दूरी पर और भारत-चीन सीमा के पश्चिमी, मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में 9,000 से 18,800 फीट की ऊंचाई पर बार्डर आउटपोस्ट पर तैनात है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस साल 2015 से 21 जून को हर साल मनाया जाता है। योग की उत्पत्ति भारत में हुई है और यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक व्यायाम है।
पीएम ने किया संबोधित
इसससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए 15 जून की रात को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों के हिंसक झड़प के परिदृश्य में एकजुटता और सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के मद्देनजर योग के माध्यम से अपने श्वसन प्रणाली को मजबूत कर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर जोर दिया। गौरतलब है कि कोविड-19 संक्रमण सबसे अधिक श्वसन प्रणाली पर आघात करता है।
योग एक शक्ति
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को बधाई दी और कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एकजुटता का दिन है और यह दिन सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश देता है। मोदी ने कहा, योग एकता के लिए एक शक्ति के तौर पर उभर कर सामने आया है और मानवता के बंधनों को गहरा बनाता है। इसमें भेदभाव नहीं है। यह जाति, रंग, लिंग, विश्वास और राष्ट्रों से परे है। योग को कोई भी अपना सकता है।