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22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने जो कत्लोगारत मचाई उसे हम भूल नहीं सकते : मनोज सिन्हा 

Updated Oct 22, 2020 | 15:41 IST

जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि 22 अक्टूबर को पाकिस्तान ने हमारे लोगों को भयंकर अत्याचार किए। अब पाकिस्तान और उसके साथ सहानुभूति रखने वाले चेहरों से नकाब उतारने का समय आ गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
मनोज सिन्हा बोले-पाकिस्तान के अत्याचार हम भूल नहीं सकते।
मुख्य बातें
  • कश्मीर में 22 अगस्त 1947 को पाकिस्तान की सेना ने किया था हमला
  • पाक सेना के इस हमले में बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सहित हजारों लोग मारे गए
  • पाकिस्तानी सेना के अत्याचार को 'काला दिवस' के रूप में याद कर रहा भारत

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि 22 अगस्त 1947 को पाकिस्तान ने कैसे मुजफ्फराबाद के लोगों पर हमला किया था, इसे हमें कभी भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि इस हमले में पाकिस्तान ने हजारों लोगों को मौत के घाट उतारा। एलजी ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ लड़ते समय कश्मीर के लोगों ने जो शहादत दी उसे लोगों को कभी भूलना नहीं चाहिए। '22 अक्टूबर 1947 को काले दिवस' के रूप में याद करने के लिए आयोजित दो दिवसीय 'नेशनल सिम्पोसियम' को संबोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने ये बातें कहीं। 

'हम पाकिस्तान के अत्याचार को भूल नहीं सकते'
सिन्हा ने कहा, 'हम सभी को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान ने 22 अक्टूबर 1947 को पीओके स्थित मुजफ्फराबाद में लोगों पर हमला किया। इस हमले में पुरुष, महिलाएं, बच्चे सहित हजारों लोगों को निर्दयता पूर्वक मौत के घाट उतार दिया गया। साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में कश्मीरी लोगों ने जो बलिदान दिया उसे भी हमें नहीं भूलना चाहिए।'

बीते 73 सालों का जख्म अब भी सालता है-सिन्हा
उन्होंने कहा, 'दो दिनों तक चलने वाले इस सिम्पोसियम में पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर के लोगों पर जो अत्याचार हुए उसे याद किया जाएगा। यह घाव बीते 73 सालों से है। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए।' सिन्हा ने कहा कि 'ऑपरेशन गुलमर्ग' के तहत पाकिस्तान ने हमारे लोगों की हत्या की, हमारे घर जलाए एवं हमारी संस्कृति नष्ट की।

एलजी ने पाकिस्तान के अत्याचार को याद किया
सिन्हा ने कहा, '22 अक्टूबर को पाकिस्तान ने हमारे लोगों को भयंकर अत्याचार किए। अब पाकिस्तान और उसके साथ सहानुभूति रखने वाले चेहरों से नकाब उतारने का समय आ गया है। इस कार्यक्रम के जरिए हमारे जवानों की बहादुरी एवं शौर्य को बताया जाएगा। हमारे वीर जवानों ने लोगों की सुरक्षा में अपनी शहादत दी। हमें इस बारे में अपनी युवा पीढ़ी को बताना होगा।' दो दिनों तक चलने वाले इस 'राष्ट्रीय सिम्पोसियम' का आयोजन नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्ट्री ऑफ आर्ट, कंजरवेशन एंड म्यूजोलॉजी और जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित राज्य के सहयोग किया जा रहा है।

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