नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीफ इंडस्ट्री को ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने केरल में कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को शाकाहारी होना चाहिए। जयराम रमेश ने कहा, 'अगर आप ग्लोबल वार्मिंग के लिए कुछ करना चाहते हैं तो शाकाहारी बनिए। बीफ इंडस्ट्री इसके लिए बहुत हद तक जिम्मेदार है।'
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि केरल के भोजन में बीफ करी बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि मांसाहारी भोजन का कार्बन फुटप्रिंट (कार्बन उत्सर्जन) शाकाहारी भोजन के मुकाबले ज्यादा होता है। वह जलवायु परिर्वतन से निपटने में शाकाहार की भूमिका पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि मवेशी मिथेन छोड़ते हैं जो कार्बन डाईऑक्साइड से भी ज्यादा खतरनाक है। मैं 2009 में पर्यावरण मंत्री था, तब एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में गया था। मैंने कहा था कि भारत को सलाह देने से पहले मैं दुनिया से अपील करता हूं कि बीफ खाना छोड़ दें।
जयराम रमेश ने आगे कहा, 'मेरे इस बयान का समर्थन विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने किया था। ऐसा पहली बार हुआ होगा जब वीएचपी ने मेरे किसी बयान का समर्थन किया हो।'
उन्होंने कहा कि मवेशी पालन के लिए अर्जेंटिना, ब्राजील और अमेरिका में जंगल काटे जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि भोजन व्यक्ति की अपनी जीवनशैली का हिस्सा है और भारत में मांसाहार का सेवन विदेशों के मुकाबले काफी अलग है।