श्रीनगर: कश्मीर जोन पुलिस के मुताबिक श्रीनगर के बाहरी इलाके नौगाम इलाके में शुक्रवार को आतंकियों ने दो मजदूरों पर फायरिंग कर दी। इन दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है।
दूसरी ओर बारामूला जिले में सुरक्षा बलों के साथ करीब 36 घंटों तक चली मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गए। इनमें इस आतंकवादी संगठन का शीर्ष कमांडर युसूफ कांतरू भी शामिल है। इससे पहले, पुलिस ने बारामूला में मुठभेड़ में चार आतंकवादियों के मारे जाने का दावा किया था, लेकिन मुठभेड़ स्थल से तीन शव बरामद किए गए हैं। लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर युसूफ कांतरू समेत दो आतंकवादी गुरुवार को मुठभेड़ में मारे गए थे, जबकि एक अन्य आतंकवादी शुक्रवार को मारा गया।
कश्मीर जोन की पुलिस ने एक ट्वीट किया कि मुठभेड़ स्थल से केवल तीन शव बरामद किए गए हैं। पुलिस ने मारे गए आतंकवादियों की पहचान युसूफ डार, हिलाल शेख उर्फ हंजल्ला और फैसल डार के रूप में की है। पुलिस ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान समाप्त हो गया है।
पुलिस के मुताबिक, कांतरू सुरक्षा बल के कई कर्मियों और असैन्य नागरिकों की हत्या में लिप्त रहा है और वह कश्मीर घाटी के शीर्ष 10 वांछित आतंकवादियों में शामिल था। उन्होंने बताया कि कांतरू हिज्बुल मुजाहिदीन में सक्रिय सदस्य के रूप में शामिल हुआ था और उसे 2005 में गिरफ्तार किया गया। 2008 में कांतरू को छोड़ा गया, लेकिन वह 2017 में दोबारा हिज्बुल से जुड़ गया और निर्दोष असैन्य नागरिकों, पुलिसकर्मियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या करने लगा। बाद में वह हिज्बुल से लश्कर में शामिल हो गया।
कांतरू मार्च में विशेष पुलिस अधिकारी मोहम्मद इशफाक डार और उसके भाई उमर अहमद डार, सितंबर 2020 में बडगाम जिले के खाग इलाके में बीडीसी अध्यक्ष सरदार भूपिंदर सिंह और दिसंबर 2017 में सीआरपीएफ कर्मी रियाज अहमद राठेर की हत्या में भी शामिल था।
वह कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याओं, ग्रेनेड फेंकने की घटनाओं और पुलिस तथा सैन्य कर्मियों के अपहरण व हत्या में भी शामिल रहा। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने आतंकवाद रोधी सफल अभियान चलाने और घाटी के सबसे वांछित आतंकवादी के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों को बधाई दी। उन्होंने कांतरू को मार गिराए जाने को बड़ी सफलता बताया।