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नजरबंदी से बाहर आईं महबूबा मुफ्ती से बेटे संग मिले फारूक अब्दुल्ला, 370 को लेकर शुरू हुई आगे की रणनीति?

Updated Oct 14, 2020 | 16:32 IST

Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने 14 महीने बाद रिहा होकर बाहर आईं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की।

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महबूबा से मिले फारूक औ उमर अब्दुल्ला
मुख्य बातें
  • पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को किया गया रिहा
  • अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए संघर्ष जारी रहेगा: महबूबा

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती 14 महीने बाद नजरबंदी से रिहा हुईं तो नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने उनके आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के बाद महबूबा को हिरासत में लिया गया था। उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (PSA) लगाया गया। अब उसे हटा लिया गया है और उन्हें रिहा कर दिया गया है।

मुलाकात के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'महबूबा मुफ्ती को 14.5 महीने से अधिक हिरासत में रखने के बाद कल रिहा कर दिया गया। इसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं था, हम सिर्फ उन्हें देखने आए थे।'  

महबूबा की रिहाई के बाद भी उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया था, 'मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि महबूबा मुफ्ती साहिबा को एक साल से अधिक समय बाद हिरासत से रिहा कर दिया गया। उनकी निरंतर हिरासत हास्यास्पद और लोकतंत्र के मूल तत्वों के विरूद्ध थी। बाहर आने पर महबूबा का स्वागत।' 

370 पर बनी साझा रणनीति?

मुलाकात के बाद अब सवाल उठता है कि क्या दोनों दलों की शीर्ष नेताओं ने अनुच्छेद 370 को लेकर आगे की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है? अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ इन नेताओं ने लगातार बयान दिए हैं। महबूबा ने भी रिहा होने के बाद अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए अपने संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया। उन्होंने 83 सेकेंड का एक ऑडियो संदेश डाला, इसमें उन्होंने कहा, 'हम सभी को संकल्प लेना होगा कि जो कुछ भी हमसे गैरकानूनी, अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक तरीके से पिछले वर्ष पांच अगस्त को छीना गया था, उसे हम वापस पाकर रहेंगे। हमें कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भी काम करना होगा जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जान दी। इस राह में मुश्किलें आएंगी लेकिन हमारी निष्ठा और दृढता इस संघर्ष में हमारे मददगार होंगे।' 

'चीन की मदद से बहाल हो अनुच्छेद 370'

इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने भी चीन की मदद से अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात की। उन्होंने कहा, 'जहां तक चीन का सवाल है, मैंने तो कभी चीन के राष्ट्रपति को यहां बुलाया नहीं। हमारे वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) ने उसे गुजरात में बुलाया, उसे झूले पर भी बिठाया, उसे चेन्नई भी ले गए, वहां भी उसे खूब खिलाया, मगर उन्हें वह पसंद नहीं आया और उन्होंने अनुच्छेद 370 को लेकर कहा कि हमें यह कबूल नहीं है। और जब तक आप अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं करेंगे, हम रुकने वाले नहीं हैं। अल्लाह करे कि उनके इस जोर से हमारे लोगों को मदद मिले और अनुच्छेद 370 और 35ए बहाल हो।'
 

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