- डीएसपी देविंदर सिंह को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बर्खास्त करने की संस्तुति की
- आंतकियों से संबंध का आरोप, कार में हिज्बुल के आतंकियों के साथ देखे भी गए थे
- जांच के दौरान पकड़े गए, करीब दो महीने से थी देविंदर सिंह पर नजर
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डीएसपी देविंदर सिंह को बर्खास्त करने की संस्तुति की है। देविंदर सिंह वो शख्स है अपनी कार में आतंकियों को दिल्ली ला रहा था। लेकिन तलाशी अभियान के दौरान वो पकड़ा गया। उससे जब पूछताछ की गई उसके साथ बैठे हुए लोग कौन हैं तो साफ तौर पर वो कुछ भी बता नहीं सका। दरअसल कार में जो दो शख्स बैठे थे वो हिज्बुल के खुंखार आतंकी थे। देविंदर सिंह ने पहले तो यह बताया कि वो इस तरह के आतंकियों के जरिए बड़े आतंकियों तक पहुंचने की कोशिश करता था। लेकिन जब उससे कुछ और गंभीर सवाल पूछे गए तो वो जवाब देने में लड़खड़ा गया।
बताया जा रहा है कि देविंदर सिंह की गतिविधियों पर करीब दो महीने से नजर थी। जब सुरक्षाबलों का पुख्ता हो गया तो उनके ऊपर सघन निगरानी शुरू की गई। इस मामले में एक एक कर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। देविंदर सिंह के कई ठिकानों पर छापेमारी में अहम दस्तावेज और नगदी की बरामदगी भी हुई है। इस संबंध में डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि मामला संवेदनशील होने की वजह से ज्यादा जानकारी साझा नहीं की जा सकती है।
देविंदर सिंह की गिरफ्तारी से संबंधित जो जानकारियां हैं वो दिलचस्प है। शोपियां के डीएसपी संदीप चौधरी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक टीम ने एक फोन कॉल रिकॉर्ड किया था। इस बातचीत में जो जानकारियां थी वो चौंकाने के लिए पर्याप्त थी। संदीप चौधरी ने इस कॉल की जानकारी अपने सीनियर अधिकारियों को दी और उसके बाद से डीएसपी देविंदर सिंह की हर हरकत पर निगाह रखी जाने लगी।
10 जनवरी को बर्खास्त डीएसपी देविंदर सिंह ने हिज्बुल के जिला कमांडर नवीद बाबू से बात की थी और उस बातचीत को खुफिया एजेंसियों ने रिकॉर्ड किया। डीएसपी, आतंकी नवीद बाबू और उसके एक साथी को लेकर श्रीनगर से जम्मू जाने वाला था। खास बात ये थी कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान वो छुट्टी पर था।