- जम्मू-कश्मीर के '99% से भी ज्यादा इलाकों' से पाबंदियां हट चुकी हैं
- सोमवार से कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल हो जाएंगी
- सरकार हिरासत में लिए गए नेताओं समेत अन्य की रिहाई के लिए समीक्षा कर रही है
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य के हालात को लेकर तमाम निगाहें यहां पर लगी हुईं थीं, वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) भी इस बदली स्थिति से बुरी तरह बौखलाया हुआ है और कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) को कई अहम प्लेटफार्म पर उठाने की कोशिश कर चुका है, ये दीगर बात है कि उसे इसमें बुरी तरह से मात मिली है।
वहीं बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार से सभी पोस्टपेड मोबाइल फोन (Post paid Mobile Services) सेवाएं बहाल करने की भी घोषणा की है। करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद कश्मीर में सभी पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल हो जाएंगी।
अब जम्मू-कश्मीर के '99% से भी ज्यादा इलाकों' से पाबंदियां भी हट चुकी हैं, राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने यह बताया, उन्होंने कहा कि राज्य का विशेष दर्जा वापस ले लेने के अगस्त के फैसले के मद्देनजर 'बाहर से समर्थन प्राप्त आतंकवादियों' को जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने से रोकने के लिए ये पाबंदियां जरूरी थीं।
साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार हिरासत में लिए गए नेताओं समेत अन्य की रिहाई के लिए समीक्षा कर रही है। कंसल ने कहा कि 16 अगस्त के बाद से जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे पाबंदियां हटाई जा रही थीं और ज्यादातर पाबंदियां सितंबर के पहले हफ्ते तक हटा ली गई थी।उन्होंने कहा, 'आठ से 10 थाना क्षेत्रों को छोड़ कर बाकी हर जगह से प्रतिबंध पूरी तरह हटा लिए गए हैं। जम्मू कश्मीर के 99 प्रतिशत इलाकों में आवाजाही पर कोई रोक-टोक नहीं है।'
उन्होंने कहा कि पर्यटकों का राज्य में स्वागत है और सरकार उनके दौरे को सुगम बनाने की व्यवस्था करेगी।साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर उन लोगों की मदद के लिए इंटरनेट सुविधाएं शुरू कर दी गई हैं जो इसका प्रयोग करना चाहते हैं।सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि पाबंदियां यह सुनिश्चित करने के लिए लगाई गई थीं कि आतंकवादी घटना के चलते किसी की जान न जाए।
कंसल ने कहा,'जम्मू-कश्मीर के संबंध में किए गए महत्त्वपूर्ण संवैधानिक बदलावों के मद्देनजर, चार अगस्त से कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए ताकि बाहरी समर्थन प्राप्त आतंकवादियों को शांति भंग करने और नागरिकों को किसी तरह का नुकसान पहुंचाने से रोका जा सके।' प्रवक्ता ने कहा कि यह भली भांति ज्ञात है कि लोगों में डर का भाव पैदा करने के लिए राज्य में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए सीमा पार से लगातार कोशिशें की जा रही हैं, पूर्व में भी और पिछले दो महीनों से और ज्यादा।
उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन राज्य के लोगों को आतंकित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।कंसल ने कहा कि इसी को रोकने के मकसद से ये पाबंदियां लगाई गईं थी।कश्मीर में हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई के बारे में पूछे जाने पर कंसल ने कहा कि प्रत्येक मामले की समीक्षा की जा रही है।
इस बीच अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में शनिवार को लगातार 69वें दिन सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा जहां मुख्य बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे।