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लालू प्रसाद को जमानत के लिए अभी करना होगा इंतजार, सजा अवधि की गिनती में गड़बड़ी से बिगड़ा केस

Updated Feb 19, 2021 | 20:44 IST

लालू प्रसाद की खराब सेहत और सजा की आधी अवधि पूरी कर लिए जाने का हवाला देते हुए उनकी जमानत के लिए याचिका झारखंड हाई कोर्ट में दी गई थी, लेकिन कोर्ट ने उन्‍हें दो महीने बाद नए सिरे से याचिका दायर करने को कहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
लालू प्रसाद को जमानत के लिए अभी करना होगा 2 महीने का इंतजार, सजा अवधि की काउंटिंग में गड़बड़ी ने बिगाड़ा केस

रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने चारा घोटाला मामले से जुड़े दुमका कोषागार गबन मामले में राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी और उन्‍हें दो महीने बाद नए सिरे से याचिका दायर करने के लिए कहा। कोर्ट के इस फैसले का कारण आरजेडी प्रमुख को सुनाई गई सजा की अवधि की गिनती में हुई गड़बड़ी रही, जिसके कारण उन्‍हें जमानत नहीं मिल पाई और दो महीने बाद फिर से याचिका दायर करने को कहा गया।

दरअसल, लालू प्रसाद की ओर से इस आधार पर जमानत के लिए याचिका दी गई थी कि उन्‍होंने सजा की आधी अवधि (42 माह से अधिक) पूरी कर ली है। हालांकि सीबीआई ने इसका विरोध किया और कहा कि लालू ने इस मामले में अब तक सिर्फ 37 माह 19 दिन की सजा पूरी की है, जो आधी से दो महीने कम है। इसलिए उन्हें अभी जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने इस संबंध में दोनों पक्षों से कागजात मांगे थे, जिनके आधार पर तय हुआ कि लालू प्रसाद ने अभी तक केवल 40 महीने का समय न्‍यायिक हिरासत में रहते हुए बिताया है। ऐसे में उन्‍हें दो महीने बाद फिर से याचिका दायर करने के लिए कहा गया है।

कपिल सिब्‍बल थे लालू के वकील

लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने शुक्रवार की, जो लगभग ढाई घंटे तक चली। लालू प्रसाद की ओर से दिल्ली से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्ब्ल वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए, जिन्‍होंने दावा किया कि लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार गबन मामले में मिली सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है, लिहाजा उन्हें इस मामले में जमानत दी जानी चाहिए। हालांकि कागजातों के आधार पर कोर्ट ने इस दलील को सही नहीं पाया।

सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार गबन मामले में लालू प्रसाद को कुल 14 साल की सजा सुनाई थी। इसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) से जुड़ी धाराओं के तहत 7 साल और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत अगले 7 साल की कैद की सजा शामिल है। उनकी ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि उन्‍होंने सजा की आधी अवधि यानी साढ़े तीन साल या 42 महीने का वक्‍त जेल में बिता लिया है। लेकिन इस संबंध कागजातों के जरिये कोर्ट को संतुष्‍ट नहीं किया जा सका। लालू प्रसाद की ओर से पेश की गई जमानत याचिका में उनके बीमार होने का हवाला भी दिया गया था।

लालू समर्थकों के चेहरों पर मायूसी

इस बीच रांची में लालू प्रसाद के स्थानीय वकील देवर्षि मंडल ने बताया कि वे इस मामले की अपील सुप्रीम कोर्ट से नहीं करेंगे। यहां उल्‍लेखनीय है कि लालू को अब तक चारा घोटाला मामले से जुड़े चार अलग-अलग मामलों में सजा मिली है, जिनमें से तीन मामलों में उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। लालू प्रसाद का फिलहाल दिल्‍ली के एम्‍स में इलाज चल रहा है। पिछले दिनों हालत बिगड़ने पर उन्‍हें रांची से एयरलिफ्ट कराकर दिल्‍ली एम्‍स ले जाया गया था।

उधर पटना में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद समर्थकों में मायूसी छा गई, जिन्‍हें पूरी उम्‍मीद थी कि आज उनके नेता को कोर्ट से जमानता मिल जाएगी। इसी आस में वे पटना में राबड़ी आवास पर एकत्र हुए थे, लेकिन कोर्ट का फैसला आने पर वे मायूस हो गए। फिलहाल लालू प्रसाद को जमानत के लिए अभी और दो महीने इंतजार करना होगा, जिसके बाद उन्‍हें जमानत के लिए नए सिरे से याचिका दाखिल करनी होगी। इसके बाद ही इस संबंध में कोर्ट का कोई फैसला आएगा।

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