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ताकि सलामत रहें दोस्त की सांसें, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए तय की 24 घंटे में 1300 किमी की दूरी

Updated Apr 28, 2021 | 17:43 IST

देवेंद्र कुमार शर्मा को गत 24 अप्रैल को अपने मित्र संजय सक्सेना की तरफ से फोन आया। सक्सेना ने देवेंद्र को बताया कि उनका मित्र राजन जो कि कोरोना से पीड़ित था, अब उसे तत्काल मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है।

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ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए 24 घंटे में 1300 किमी का सफर।

नई दिल्ली : दुनिया में ऐसे बहुत लोग हैं जो दोस्ती के लिए लोग बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने से नहीं हिचकते। दोस्त की खुशियों और मुसीबतों को टालने के लिए अपना जीवन तक दांव पर लगा देते हैं। दोस्ती की जिंदादिली की बेहतरीन मिसाल झारखंड की राजधानी रांची में रहने वाले एक व्यक्ति ने पेश की है। इस युवक ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कोरोना पॉजिटिव अपने दोस्त के लिए जो कुछ किया वह सभी के लिए प्ररेणा देने वाला है। गाजियबाद में दोस्त को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी। ऐसे में अपने दोस्त की इस जरूरत को पूरा करने के लिए इस युवक ने जरा भी देरी नहीं की और रांची से गाजियाबाद की 1300 किलोमीटर की दूरी 24 घंटे में तय कर डाली।

24 अप्रैल को रांची फोन आया
देवेंद्र कुमार शर्मा को गत 24 अप्रैल को अपने मित्र संजय सक्सेना की तरफ से फोन आया। सक्सेना ने देवेंद्र को बताया कि उनका मित्र राजन जो कि कोरोना से पीड़ित था, अब उसे तत्काल मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है। राजन के पास ऑक्सीजन केवल 24 घंटे के लिए बची थी। इस फोन कॉल के बाद देवेंद्र उसी रात अपनी बाइक से बोकारो के लिए रवाना हुए। बोकारो पहुंचने के लिए उन्होंने करीब 150 किलोमीटर से ज्यादा मोटरसाइकिल चलाई। राजन और देवेंद्र मूल रूप से इसी शहर के रहने वाले हैं। देवेंद्र ने बोकारो में ऑक्सीजन के लिए काफी हाथ-पांव मारे लेकिन उन्हें कहीं पर भी ऑक्सीजन का सिलेंडर नहीं मिला। फिर उन्होंने झारखंड गैस प्लांट के मालिक राकेश कुमार गुप्ता से संपर्क किया। 

सिलेंडर दिए लेकिन पैसे नहीं लिए
राकेश ने देवेंद्र को ऑक्सीजन सिलेंडर तो उपलब्ध कराया ही, इसके लिए पैसा लेने से भी इंकार कर दिया। राकेश ने कहा कि देवेंद्र को पहले अपने दोस्त के बारे में सोचना चाहिए। ऑक्सीजन सिलेंडर हासिल करने के बाद देवेंद्र को गाजियबाद पहुंचने के लिए 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी। देवेंद्र ने अपने एक दोस्त से कार मांगी और 25 अप्रैल को वैशाली की तरफ निकल पड़ेष 24 घंटे की यात्रा करने के बाद आखिरकार देवेंद्र 26 अप्रैल को वैशाली पहुंच गए। 

रास्ते में पुलिस ने सिलेंडर के बारे में पूछा
देवेंद्र का कहना है कि रास्ते में पुलिस चेक पोस्ट पर उनसे सिलेंडर के बारे में पूछताछ हुई। उन्होंने पुलिस को बताया कि यह सिलेंडर उनके दोस्त के लिए है जो जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। दोस्त की इस मेहनत का नतीजा है कि राजन की सेहत अच्छी हो गई है और पहले से ज्यादा बेहतर हैं। 

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