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Punjab: कृषि कानूनों की लड़ाई में मोबाइल टावरों का क्या कसूर? किसानों ने तोड़े 1411 टावर

Updated Dec 28, 2020 | 12:48 IST

नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच पंजाब में किसानों ने अब जियो के टावरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

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लड़ाई कृषि कानूनों की, किसानों ने तोड़ दिए 1411 मोबाइल टावर
मुख्य बातें
  • कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब बना रहे हैं जियो के टावरों को निशाना
  • पंजाब में 24 घंटों में 176 दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया गया
  • कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से टावरों को नुकसान ना पहुंचाने की अपील की, लेकिन कोई असर नहीं

चंडीगढ़: ऐसा लगता है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह की किसानों से मोबाइल टावर जैसी दूरसंचार क्षेत्र की ढांचागत सुविधाओं को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील का कोई असर नहीं हुआ है। उनके आग्रह के बावजूद पिछले 24 घंटे में 176 से अधिक दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया गया। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाने के पीछे यह कहानी कही जा रही है कि नये कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी जैसे उद्योगपतियों को लाभ होगा। इस आधार पर पंजाब में विभिन्न स्थानों पर रिलायंस जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है जिससे दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा। हालांकि, यह अलग बात है कि अंबानी और अडाणी से जुड़ी कंपनियां किसानों से अनाज नहीं खरीदती हैं।

अभी तक करीब डेढ़ हजार टावरों को पहुंचाया गया नुकसान
मामले से जुड़े दो सूत्रों ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 176 दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचा है। इससे अब तक कुल 1,411 दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। एक सूत्र ने बताया कि पंजाब के विभिन्न स्थानों से दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाये जाने की सूचना है। उसने बताया कि जिन दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है, उनमें से ज्यादातर जियो और दूरसंचार उद्योग के साझा बुनियादी ढांचा सुविधाओं से जुड़े हैं।

सीएम की अपील का कोई असर नहीं
सूत्रों ने कहा कि हमलों का असर दूरसंचार सेवाओं पर पड़ा है और परिचालकों को पुलिस की तरफ से कार्रवाई नहीं होने के कारण सेवाओं को बहाल करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों से इस प्रकार के कार्यों से आम लोगों को असुविधा नहीं पहुंचाने की अपील की। उन्होंने किसानों से कहा कि जिस संयम के साथ वे आंदोलन करते आयें हैं, उसे बरकरार रखें। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के बीच दूरसंचार संपर्क व्यवस्था को महत्वपूर्ण बताया और किसानों से आंदोलन के दौरान उसी तरह का अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाने को कहा जिसे वह दिल्ली सीमा पर और पूर्व के विरोध-प्रदर्शन में दिखाते आये हैं।’’

एक महीने से कर रहे हैं प्रदर्शन

किसानों के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को एक महीना पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री की यह अपील टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाडर्स एसोसिएशन (टीएआईपीए) के आग्रह पर आयी है। दूरसंचार बुनियादी ढांचा प्रदाताओं के इस पंजीकृत संघ ने राज्य सरकार से किसानों को अपनी न्याय की लड़ाई में किसी भी गैरकानूनी गतिविधि का सहारा नहीं लेने को लेकर अनुरोध करने का आग्रह किया था।

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