- अगर MSP को लेकर किसी तरह का नुकसान होता दिखा तो पहला इस्तीफा दुष्यंत चौटाला का होगा- JJP
- किसान आंदोलन को लेकर जननायक जनता पार्टी पर है काफी दबाव
- अपने कोर वोटर्स को नाराज नहीं करना चाहती जेजेपी
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर अब हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर भी खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है। राज्य में बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) ने किसान आंदोलन पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि दुष्यंत चौटाला के उपमुख्यमंत्री रहते हुए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी। पार्टी ने कहा कि यदि इसके बाद भी किसानों को एमएसपी पर नुकसान हुआ तो फिर दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे।
नहीं आएगी एमएसपी पर आंच
जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रतीक सोम ने आईएएनएस से कहा, 'हम किसानों से कहना चाहते हैं कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के चंडीगढ़(राजधानी) में रहते हुए एमएसपी पर किसी तरह की आंच नहीं आएगी। बावजूद इसके अगर किसानों को एमएसपी को लेकर किसी तरह का नुकसान होता दिखा तो पहला इस्तीफा दुष्यंत चौटाला का होगा। जेजेपी हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहने वाली पार्टी है।'
ठोस आश्वासन मिलना जरूरी
हार्वर्ड लॉ स्कूल से भी पढ़ाई कर चुके और पेशे से सुप्रीम कोर्ट के वकील जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रतीक सोम ने कहा, 'चौधरी देवीलाल की विचारधारा वाली जेजेपी एक प्रो-फार्मर पार्टी है। जेजेपी ने केंद्र सरकार से किसानों की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की मांग की है। एमएसपी पर सरकार से ठोस आश्वासन मिलना जरूरी है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत कर मुद्दों को सुलझाएगी। जिससे गतिरोध दूर हो सकेगा।' इससे पूर्व जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला, केंद्र सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर चुके हैं।
जेजेपी के सहयोग से चल रही है खट्टर सरकार
आपको बता दें कि जननायक जनता पार्टी(जेजेपी) का मुख्य वोटर किसान ही माने जाते हैं ऐसे में किसान आंदोलन को लेकर उस पर काफी दबाब है। हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से दूर रही थी। भाजपा को 40 तो कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं। वहीं दुष्यंत चौटाला की जेजेपी को 9 सीटें मिली थीं। बहुमत के लिए जब बीजेपी को 6 सीटों की दरकार थी तो जेजेपी ने अपने नौ विधायकों का समर्थन बीजेपी को दे दिय़ा था जिसकी बदौलत हरियाणा में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी। यदि ऐसे में जेजेपी सरकार से समर्थन वापस लेती है तो निश्चित तौर पर खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।