- "J&K को प्रयोगशाला में बदलना चाहता है केंद्र"
- ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहती है नरेंद्र मोदी सरकार- मुफ्ती
- 'नानी को 2 साल से पासपोर्ट देने से किया गया इन्कार'
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की बेटी इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) ने कश्मीर (Kashmir) मुद्दे के स्थाई हल के लिए पाकिस्तान (Pakistan) और हुर्रियत कांफ्रेंस (Hurriyat Conference) के साथ बात की वकालत की है। रविवार (11 सितंबर, 2022) को उन्होंने इस इलाके को आर्थिक केंद्र (Economic Centre) और मध्य एशिया व भारत के बीच एक प्रवेश द्वार बनाने के लिए जम्मू कश्मीर की सीमाओं को खोलने और स्व-शासन के कार्यान्वयन का भी सुझाव दिया। इस बीच, केंद्र शासित प्रदेश के जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का आम आदमी अब आंतकवाद के खिलाफ है।
पाकिस्तान-हुर्रियत कांफ्रेंस से बातचीत की वकालत करते हुए वह बोलीं, ‘‘जम्मू कश्मीर के लोग राजनीतिक रूप से बहुत जागरूक हैं। जम्मू कश्मीर मुद्दे को सभी हितधारकों को साथ लेकर हल करने की जरूरत है।’’ उन्होंने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को एक प्रयोगशाला में बदलना चाहता है क्योंकि वे ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहते हैं।
उनके मुताबिक, नेशनल कांफ्रेंस (NC) और पीडीपी सहित मुख्यधारा के पांच सियासी दलों के गठबंधन पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लयरेशन (PAGD) अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए संघर्षरत है। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोगों ने इसके साथ अपनी उम्मीदें बांध रखी हैं। यही नहीं, इल्तिजा इससे सहमत नहीं थीं कि पीएजीडी ‘वेंटिलेटर’ पर है। बोलीं- जम्मू कश्मीर से 10 लाख सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकालो, आपको देखेंगे कि वेंटिलेटर पर कौन है।
आगे उन्होंने दावा किया कि उनके परिवार को झुकाने के लिए दबाव की रणनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जब पीएजीडी की बैठक होती है, मेरी मां या 75 बरस की मेरी नानी, को समन मिल रहे हैं। मेरी नानी को पिछले दो साल से पासपोर्ट देने से भी इन्कार किया जा रहा है।’’
उधर, केंद्र शासित प्रदेश के जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने यूपी के मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विवि में दुष्यंत स्मृति सम्मान समारोह में भाग लेने से पहले गांव टिकरी के गुरुकुल आश्रम में कुलाधिपति स्वामी विवेकानन्द सरस्वती महाराज से भेंट के बाद मीडिया से कहा- आतंकवाद से परेशान जम्मू-कश्मीर का आम आदमी अब न सिर्फ आंतकवाद के खिलाफ है बल्कि वह अब दहशतगर्दी के विरुद्ध पुलिस प्रशासन की मदद कर रहा है।
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने बाद से जम्मू कश्मीर के हालात में परिवर्तन आया है। सिन्हा ने कहा कि अभी हाल ही में आजादी के अमृत महोत्सव में जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बढ़कर हिस्सा लिया वह बदलाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। एक सवाल के जवाब में सिन्हा ने कहा, "हमारा मकसद कश्मीर के लोगों के साथ मिलकर, उनके दु:ख, दर्द को साझा करके जम्मू-कश्मीर को देश का सर्वश्रेष्ठ विकसित राज्य बनाना है।’’ आगे उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद आतंकवाद की कमर तोड़ दी है और उसके पूरे ‘इकोसिस्टम’ पर प्रहार हो रहा है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)