इंदौर: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का एक वीडिया वायरल हो रहा है, जिसमें वो सरकारी अधिकारियों को धमका रहे हैं। वीडियो में उनको कहते सुना जा सकता है, 'हमारे संघ (RSS) के नेता यहां हैं, अन्यथा आज इंदौर को आग लगा देते।' गुरुवार से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य वरिष्ठ नेता मध्य प्रदेश के इंदौर में संगठन के आंतरिक सम्मेलन के लिए हैं।
भाजपा विरोध प्रदर्शन कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि शहर के अधिकारी पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित कार्रवाई कर रहे हैं और इस मुद्दे को उनके साथ उठाने के लिए प्रदर्शन स्थल पर शीर्ष नागरिक और पुलिस अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था।
हालांकि, वरिष्ठ अधिकारी नहीं पहुंचे और उनकी जगह कुछ जूनियर स्तर के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इससे विजयवर्गीय नाराज हो गए और उन्होंने उन्हें धमकी दी।
वीडियो में सुना जा सकता है कि विजयवर्गीय कह रहे हैं, 'क्या वे (शीर्ष अधिकारी) इतने बड़े हो गए हैं? अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि वे लोगों के सेवक हैं।' इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें भाजपा नेताओं द्वारा शीर्ष अधिकारियों को आमंत्रित करने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।'
नाराज विजयवर्गीय ने कहा, 'कुछ प्रोटोकॉल है या नहीं? हम सरकारी अधिकारियों से लिखित अनुरोध कर रहे हैं कि हम उनसे मिलना चाहते हैं। क्या वे हमें यह भी सूचित नहीं करेंगे कि वे शहर से बाहर हैं? हम इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारे संघ के नेता यहां हैं, अन्यथा आज इंदौर में आग लगा दी होती।'
इस वीडियो के वायरल हो जाने के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नीलभ शुक्ला ने कहा कि विजयवर्गीय के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए, जिन्होंने शहर में आग लगाने की बात की।
कांग्रेस ने कहा, 'भारत जलाओ पार्टी-क्या इंदौर इनकी जागीर है, जो ये पूरे शहर को आग लगा देंगे..! लगता है माफियामुक्त मप्र अभियान से इनकी भी आमदनी प्रभावित हुई है..! कैलाश जी, जब कभी इस तरह की उपद्रवी सोच या शहर जलाने का इरादा मन में आए तो कमलनाथ जी का ध्यान किया करिए, कईयों के भूत उतर गए हैं।'
पिछले साल विजयवर्गीय के बेटे और विधायक आकाश विजयवर्गीय का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो इंदौर नगर निगम के अधिकारियों पर क्रिकेट बैट से हमला करते हैं। इसे लेकर पूरे देश में खूब गुस्सा फैला।