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Karnataka Hijab Row : सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कर्नाटक हिजाब विवाद, शीर्ष अदालत का दखल देने से इंकार 

Updated Feb 10, 2022 | 11:45 IST

Karnataka Hijab Row : कपिल सिब्बल के इस अनुरोध को सीजेआई ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अभी इस मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट कर रहा है, ऐसे में उसका दखल देना उचित नहीं होगा

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
कर्नाटक के हिजाब विवाद का मसला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।
मुख्य बातें
  • हिजाब विवाद मामले की सुनवाई अभी कर्नाटक हाई कोर्ट कर रहा है
  • वरिष्ठ वकील सिब्बल ने एससी से इस मामले की सुनवाई करने की मांग की
  • कर्नाटक हिजाब विवाद अन्य राज्यों तक पहुंच गया है, कई राज्यों में हुए प्रदर्शन

नई दिल्ली : कर्नाटक हिजाब विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को हिजाब विवाद का मुद्दा प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच के सामने उठाते हुए इस पर सुनवाई करने की मांग की। सिब्बल ने दलील दी कि इस विवाद की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। सिब्बल के इस अनुरोध को सीजेआई ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अभी इस मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट कर रहा है, ऐसे में उसका दखल देना उचित नहीं होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि हिजाब विवाद मामले में पहले हाई कोर्ट का अपना फैसला देने दीजिए उसके बाद हम देखेंगे कि क्या हो सकता है। 

मुस्लिम छात्राओं पर पत्थर फेंके जा रहे-सिब्बल
कांग्रेस नेता एवं वकील ने सीजेआई से कहा, 'कर्नाटक में जो हुआ, उसका असर पूरे देश में हो रहा है। हमने मामले को सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है।' सिब्बल ने कहा कि स्कूल में मुस्लिम छात्राओं पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। दो महीने में परीक्षाएं होनी हैं और स्कूल बंद हैं। वरिष्ठ वकील ने इस मामले को एससी की नौ सदस्यीय बेंच के पास भेजने की अपील की। सिब्बल की मांग पर सीजेआई ने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट को पहले इस मामले की सुनवाई पूरी कर लेने दें। अभी इस चरण में उनका दखल देना ठीक नहीं होगा। 

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अन्य राज्यों में पहुंचा विवाद
कर्नाटक हिजाब विवाद अन्य राज्यों में भी पहुंच गया है। दिल्ली, कोलकाता एवं अन्य जगहों पर हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन हुए हैं। जेएनयू की करीब 200 छात्राओं ने कर्नाटक में हिजाब पहनने के मामले को लेकर मुस्लिम छात्राओं को अपना ‘अडिग और बिना शर्त समर्थन’ दिया है। जेएनयू की छात्राओं का यह कहना कि महिलाओं को हिजाब पहनने से रोकना राज्य और उसकी संस्थाओं की 'पितृसत्तात्मक और इस्लामोफोबिक (इस्लाम से डर) प्रवृत्ति' को दर्शाता है।

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बड़ी बेंच करेगी सुनवाई
कर्नाटक उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम काजी की पीठ गुरूवार यानी 10 फरवरी को ड्रेस कोड पर सरकारी नियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इससे पहले  स्कूल-कॉलेज परिसर में हिजाब पर पाबंदी से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश ने बुधवार को इस मामले को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी के पास भेज दिया।

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