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केदारनाथ सहित मोदी सरकार के ये हैं ड्रीम धार्मिक प्रोजेक्ट, जानें खासियत

Updated Nov 05, 2021 | 18:21 IST

Modi In Kedarnath: मोदी सरकार केदानाथ धाम से लेकर अयोध्या, काशी विश्वनाथ धाम सहित देश में करीब 40 धार्मिक स्थलों के विकास पर काम कर रही है। सरकार को इसके जरिए पर्यटन विकास की बड़ी उम्मीद है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
केदारनाथ में पीएम नरेंद्र मोदी
मुख्य बातें
  • सरकार 'प्रसाद' स्कीम के तहत देश भर में मौजूद 37 धार्मिक स्थलों का विकास कर रही है।
  • केदारनाथ धाम, अयोध्या, काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर, मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक हैं।
  • प्रसाद स्कीम के तहत जम्मू और कश्मीर का हजरत बल और मलयाट्टूर का सेंट थॉमस इंटरनेशनल श्राइन भी शामिल है।

Modi In Kedarnath:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम में आदि गुरू शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण कर  दिया है। इस मौके पर उन्होंने करीब 130 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का भी अनावरण किया, साथ ही 180 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधार शिला रखी। केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री ने कहा 'आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है। अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है। आज भारत अपनी विरासत के प्रति आत्मविश्वास से परिपूर्ण है। अब देश अपने लिये बड़े लक्ष्य तय करता है, कठिन डेडलाइन निर्धारित करता है। 

प्रधानमंत्री जिस सांस्कृतिक विरासत और उसके लिए बड़े लक्ष्य की बात कर रहे हैं। उसके तहत प्रधानमंत्री के कई ड्रीम धार्मिक प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसमें बनारस का काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट, केदारनाथ धाम प्रोजेक्ट, चार धाम यात्रा प्रोजेक्ट, सोमनाथ मंदिर प्रोजेक्ट, अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट आदि शामिल हैं। इसी तरह पर्यटन मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही प्रसाद स्कीम के तहत देश भर 35 से ज्यादा प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं।

काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट

करीब 750 करोड़ रुपये की लागत से बनारस का काशी विश्वनाथ धाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके तहत एक कॉरिडोर के जरिए गंगा नदी के ललिता घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर सीधे जोड़ा जा रहा है। करीब 5 लाख वर्गफुट में तैयार हो रहे इस कॉरिडोर में 70 फीसदी जमीन हरियाली के लिए रखी जा रही है। मंदिर परिसर से लेकर गंगा घाट तक 24 इमारतें बनाई जा रही हैं। इनमें मंदिर परिसर,  चौक, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, मुमुक्षु भवन, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र आदि शामिल हैं। प्रोजेक्ट का शिलान्यास मार्च 2019 में प्रधानमंत्री ने किया था, और इसका अब 75-80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। और 30 नवंबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। 

सोमनाथ मंदिर प्रोजेक्ट

सोमनाथ, गुजरात में तीर्थयात्रा सुविधाओं के विकास से संबंधित 45.36 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को 2017 में मंजूरी दी गई थी। जिसका उद्घाटन जुलाई 2020 में किया जा चुका है। इसके अलावा मंदिर परिसर में पार्वतीमाता मंदिर 1650 वर्गमीटर के क्षेत्र में बनाया जा रहा है। जो  71 फीट ऊंची संरचना होगी। इसके निर्माण में अंबाजी, बनासकांठा के अरास पत्थरों का उपयोग किया जाएगगा। मूल मंदिर में 44 स्तम्भ होंगे, मंदिर का मुख्य गर्भ गृह 380 वर्गमीटर का होगा, जबकि नृत्य मंडप का क्षेत्रफल 1250 वर्गमीटर होगा।

केदारनाथ धाम प्रोजेक्ट

आदि गुरू शंकराचार्य की मूर्ति की स्थापना के साथ प्रधानमंत्री ने सरस्वती आस्था पथ एवं घाट के इर्द-गिर्द सुरक्षा की दीवार, मंदाकिनी आस्था पथ के इर्दगिर्द सुरक्षा की दीवार, तीर्थ पुरोहित गृह और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल का भी उद्घाटन किया। इसके अलावा करीब 180 करोड़ रुपये की लागत से संगम घाट के पुनर्विकास, प्राथमिक चिकित्सा एवं पर्यटक सुविधा केंद्र, प्रशासनिक कार्यालय एवं अस्पताल, दो अतिथि गृह, पुलिस स्टेशन, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, मंदाकिनी आस्था पथ कतार प्रबंधन और रेनशेल्टर एवं सरस्वती नागरिक सुविधा भवन की भी उन्होंने आधार शिला रखी है। जो केदारनाथ धाम प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

चार धाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट

यह प्रोजेक्ट भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। इसके तहत उत्तराखंड के चारों धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री ) को सड़क से जोड़ने की योजना  है। इसकी शुरूआत 2016 में हुई थी। इसके जरिए करीब 900 किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया जाना है। हालांकि इस प्रोजेक्ट को लेकर पर्याणवरणविद सवाल उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि इसके जरिए भूस्खलन और दूसरी घटनाओं में तेजी आएगी और पहाड़ कमजोर होंगे। 

अयोध्या का विकास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के विकास के लिए चल रहे प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए 26 जून को कहा था ' इसे ऐसा बनाया जाय  कि आने वाली पीढ़ियों को अपने जीवन में कम से कम एक बार अयोध्या की यात्रा करने की इच्छा जरूर हो।'  ऐसा अनुमान है कि साल 2024 तक राम मंदिर निर्माण होने के साथ हर रोज करीब एक लाख पर्यटक और तीर्थ यात्री अयोध्या पहुंचेंगे। अयोध्या के विकास पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके तहत क्रूज पर्यटन, राम की पैड़ी परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज,  84 कोसी परिक्रमा के भीतर 208 विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, एयरपोर्ट, अत्याधुनिक रेलवे स्टेशनआदि शामिल हैं। पूरी अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

प्रसाद स्कीम के तहत इनका भी हो रहा है विकास

पर्यटन मंत्री जी.कृष्णन रेड्डी द्वारा 9 अगस्त 2021 को लोकसभा में दिए गए बयान के अनुसार प्रसाद स्कीम के तहत 37 प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट की पहचान की गई है। जिसके लिए 1214.9 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 

इसमें अमरावती और श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश), कामाख्या (असम), परशुराम कुंड (लोहित जिला, अरुणाचल प्रदेश), पटना और गया (बिहार), बाल्मेश्वरी देवी मंदिर (राजनांदगांव, छत्तीसगढ़), द्वारका (गुजरात), गुरुद्वारा नाडा साहब, पंचकुला (हरियाणा), मां चिंतपूर्णी (ऊना, हिमाचल प्रदेश), हजरतबल और कटरा (जम्मू और कश्मीर), देवगढ़ और पारसनाथ (झारखंड), चामुंडेश्वरी देवी, मैसूर (कर्नाटक), गुरुवायूर, सेंट थॉमस इंटरनेशनल श्राइन ( मलयाट्टूर), चेरामन जुमा मस्जिद (त्रिशूर, केरल), ओंकारेश्वर और अमरकंटक (मध्य प्रदेश), बाबेदपारा, पश्चिम जयंतिया हिल्स और सोहरा (मेघालय), आइजोल (मिजोरम), कोहिमा और मोकोकचुंग जिले (नागालैंड), त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र), पुरी (ओडिशा) , अमृतसर (पंजाब), अजमेर (राजस्थान), कांचीपुरम और वेल्लंकानी (तमिलनाडु), त्रिपुरा सुंदरी (त्रिपुरा),  मथुरा (उत्तर प्रदेश), बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री (उत्तराखंड) और बेलूर (पश्चिम बंगाल)।

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