लाइव टीवी

Siddique Kappan: पत्रकार सिद्दीक कप्पन का PFI से गहरे संबंध- सुप्रीम कोर्ट में UP सरकार का दावा

Updated Sep 07, 2022 | 09:20 IST

Siddique Kappan: सिद्दीक कप्पन को यूपी पुलिस ने तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। तब वे अक्टूबर 2020 में हुए एक सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना को कवर करने के लिए हाथरस जा रहे थे।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspPTI
पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और तीन अन्य को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था
मुख्य बातें
  • हाथरस जाते समय पत्रकार सिद्दीक कप्पन को यूपी पुलिस ने किया था गिरफ्तार
  • कप्पन पर यूपी पुलिस ने लगाए हैं कई गंभीर आरोप
  • हाथरस रेप कांड के समय से जेल में है कप्पन

Siddique Kappan: सुप्रीम कोर्ट में योगी सरकार ने केरल के पत्रकार सिद्दीक को लेकर दावा किया है कि उनका पीएफआई से गहरा संबंध है और वो धार्मिक उन्माद फैलाने वाली साजिश का हिस्सा हैं। कप्पन को 2020 में गिरफ्तार किया गया है, तब से वो जेल में ही हैं।

कप्पन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जांच में आरोपी और सीएफआई (कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया) के शीर्ष नेतृत्व, कमाल केपी और ओमा सलाम के बीच गहरे संबंध होने का खुलासा हुआ है। यूपी सरकार ने कहा कि इन दोनों व्यक्तियों के साथ कप्पन की ऑनलाइन बातचीत पर गौर करने पर यह स्पष्ट रूप से पता चला है कि यह पत्रकार के तौर पर कप्पन के कार्य का हिस्सा नहीं है, जैसा कि उन्होंने दावा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन की जमानत याचिका को लेकर यूपी सरकार से जवाब मांगा था, जिसके बाद यूपी सरकार ने यह दावा किया है।

राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा गया कि याचिकाकर्ता असल में पीएफआई के उस प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा था, जो हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहा था। इसमें यह भी दावा किया गया है कि यह प्रतिनिधिमंडल सह आरोपी और सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव राऊफ शरीफ के निर्देश पर हाथरस भेजा गया था।

आगे राज्य सरकार ने कहा कि जांच में कप्पन ने उन पैसों का भी डिटेल नहीं दिया है, जो उनके बैंक खाते में सितंबर-अक्टूबर 2020 में जमा किए गए थे। इसी के आधार पर यूपी सरकार का कहना है कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया एक मामला बनता है।

बता दें कि इससे पहले, इस महीने की शुरूआत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद कप्पन से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। 

बता दें कि अक्टूबर 2020 में हाथरस में एक लड़की के साथ गैंगरेप की वारदात सामने आई थी, जिसकी मौत इलाज के दौरान दिल्ली में हो गई थी। जिसके बाद पीड़िता को यूपी पुलिस ने जला दिया था। मृतका के परिवार के लोगों ने दावा किया था कि उसका दाह-संस्कार उनकी सहमति के बगैर कर दिया गया था।

ये भी पढ़ें- ​जिस आतंकी के कबूलनामे से पाकिस्तान हुआ था बेनकाब, उसे अब बता दिया 'पागल'

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।