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किरण बेदी का व्यवहार 'हिटलर की बहन' की तरह, मेरा खून खौल उठता है: पुडुचेरी सीएम नारायणसामी

Updated Nov 19, 2019 | 22:44 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspIANS
Puducherry Lt Governor Kiran Bedi
मुख्य बातें
  • पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने उपराज्यपाल किरण बेदी सरकार के काम में बेवजह दखल देने का आरोप लगाया
  • सीएम नारायणसामी ने कहा कि वह जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की बहन लगती हैं
  • उन्होंने कहा कि जब किरण बेदी की ओर से हमारे फैसलों को नामंजूर करने से जुड़ी फाइलें मिलती हैं तो मेरा खून खौल उठता है और मैं झुंझला जाता हूं

पुडुचेरी: अपनी कार्यशैली को लेकर मशहूर रहीं पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी उपराज्यपाल के तौर पर अगल अंदाज में काम करती हैं। वह केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की उपराज्यपाल हैं। लेकिन उनके काम करने का तरीका प्रदेश के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को नहीं भा रहा है। सीएम नारायणसामी ने किरण बेदी के कामकाज के तरीके की आलोचना करते हुए कहा कि वह जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की बहन लगती हैं। उन्होंने कहा कि जब वह कैबिनेट के फैसले को नकारती हैं तो  मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और खून खौल उठता है।

सीएम नारायणसामी ने किरण बेदी के पुडुचेरी का राज्यपाल बनने के बाद से ही उनके काम करने के तरीकों पर सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वह चुनी हुई सरकार के फैसलों को ठुकराकर सरकार के नियमित कामकाज में बेवजह दखल दे रही हैं। सीएम नारायणसामी ने कहा कि जब भी मुझे किरण बेदी की ओर से हमारे फैसलों को नामंजूर करने से जुड़ी फाइलें मिलती हैं तो मेरा खून खौल उठता है और मैं झुंझला जाता हूं। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी प्रदेश का राज्यपाल या केंद्र शासित प्रदेश का उपराज्यपाल अपने राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के नियमित कामकाज में दखल नहीं दे रहा है।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के मौके पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह एक तानाशाह की तरह काम कर रही हैं और जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की बहन लगती हैं। नारायणसामी ने बेदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वह कैबिनेट के हर फैसले में बाधा बनकर खड़ी हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि पुडुचेरी में किरण बेदी ही हैं, जो नियमित रूप से शासन में हस्तक्षेप करके कैबिनेट के फैसलों को लागू करने में बाधा डाल रही हैं।

नारायणसामी ने हाल ही में अपनी सिंगापुर यात्रा को लेकर छिड़ी जुबानी जंग का जिक्र करते हुए कहा कि वह केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ही उद्योग मंत्री शाहजहां और डीएमके विधायक शिवा के साथ सिंगापुर गए थे और उन्होंने खुद ही यात्रा का खर्च उठाया था। सीएम ने कहा कि लेकिन उपराज्यपाल ने हमारी यात्रा पर सवाल उठाए। हमें अपनी यात्रा के लिए बेदी की मंजूरी की जरूरत नहीं है क्योंकि हम उनके नौकर या गुलाम नहीं हैं। गौर हो कि बेदी ने कहा था कि उन्हें मीडिया के जरिए इस यात्रा के बारे में पता चला। उन्होंने सवाल उठाया कि इस यात्रा के लिए जरूरी मंजूरी ली गई थी या नहीं।

सत्तारूढ़ कांग्रेस और नारायणसामी 2016 में किरण बेदी की नियुक्ति के बाद से ही उनके खिलाफ हथियार उठाए हुए हैं और पूर्व में चुनी हुई सरकार को दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए उन्हें वापस बुलाने की मांग की थी।

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