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'भगवान Jagannath का है Kohinoor', बोला ओडिशा का संगठन- राष्ट्रपति दें दखल, ताकि UK पुरी मंदिर को लौटाए हीरा

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Sep 13, 2022 | 09:18 IST

दरअसल, ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के देहांत के बाद माइक्रो ब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म ट्विटर पर कोहिनूर हीरे को हिंदुस्तान वापस लाने की मांग तेज होती दिखी थी।

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तस्वीर साभार:&nbspGetty Images
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
मुख्य बातें
  • कोहिनूर 105 कैरेट का बड़ा सा बेशकीमती हीरा
  • 14वीं सदी की शुरुआत में दक्षिण भारत में कहीं मिला था
  • प्रिंस चार्ल्स की पत्नी के पास अब जाएगा यह बेरंग हीरा

कोहिनूर (Kohinoor Diamond) भारत को लौटाने की मांगों के बीच इस हीरे को लेकर बड़ा दावा हुआ है। ओडिशा में श्री जगन्नाथ सेना (Shree Jagannath Sena) नाम के संगठन ने कहा है कि यह बेशकीमती हीरा भगवान जगन्नाथ का है।

संगठन ने यह भी कहा है कि वे लोग इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) से दखल की मांग करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) इस हीरे को देश के जाने-माने पुरी मंदिर (Shree Jagannath Temple, Puri) को वापस कर दे।

दरअसल, कोहिनूर एक बड़ा सा बेरंग हीरा है। यह 14वीं सदी की शुरुआत में दक्षिण भारत में मिला था। औपनिवेशिक काल खंड में यह ब्रिटेन के हाथ लग गया और अब ऐतिहासिक स्वामित्व विवाद का विषय है, जिस पर हिंदुस्तान समेत कम से कम चार देश दावा करते हैं।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने कुछ बरस पहले सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जवाब में बताया था कि लगभग 170 साल पहले लाहौर के महाराजा ने इंग्लैंड की महारानी के सामने झुकते हुए कोहिनूर हीरा उनके हवाले कर दिया था। यह अंग्रेजों को नहीं सौंपा गया था।

लंदन के महल (Palace of Westminster) में महारानी (Queen Elizabeth II) के क्राउन के बगल में बैठे प्रिंस चार्ल्स (Prince Charles)। (फाइल फोटोः एपी)

वैसे, सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार का रुख था कि करीब 20 करोड़ डॉलर कीमत वाला यह हीरा ना तो चुराया गया। न ही अंग्रेज शासक इसे जबरन ले गए, बल्कि पंजाब के पूर्ववर्ती शासकों ने इसे ईस्ट इंडिया कंपनी को दिया था।

वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ‘ऐन एरा ऑफ डार्कनेस’ किताब में लिखा है कि कोहिनूर को एक समय दुनिया का सबसे बड़ा हीरा होने का दावा किया गया था, जिसका वजन 158.6 ग्राम था। माना जाता है कि सबसे पहले यह हीरा 13वीं सदी में आंध्र प्रदेश के गुंटूर के पास मिला था।

हालांकि, कुछ जानकारों का कहना है कि नादिर शाह ने हीरे को कोहिनूर नाम दिया था। केंद्र सरकार कई बार कोहिनूर को वापस करने की मांग करती रही है। सबसे पहले इस बाबत मांग 1947 में की गई थी। पर ब्रिटिश सरकार भारत के कोहिनूर के दावों को खारिज करती रही है।

ब्रिटेन में सबसे अधिक समय तक राजशाही की कमान संभालने वालीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के देहांत के बाद सोशल मीडिया पर कोहिनूर हीरा भारत वापस किए जाने की मांग फिर से उठी। महारानी के बेटे प्रिंस चार्ल्स के राजगद्दी संभालने के साथ ही 105 कैरेट का हीरा उनकी पत्नी डचेस कॉर्नवॉल कैमिला के पास जाएगा। 

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