- यूपी पुलिस को सौंपा जाएगा मुख्तार अंसारी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
- कुमार विश्वास ने किया ट्वीट, बोले- लाने वाली गाड़ी तो यूपी पुलिस को होगी?
- विश्वास का ट्वीट हुआ वायरल, लोग जमकर कर रहे हैं कमेंट
नई दिल्ली: पंजाब की कांग्रेस सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब की रोपड जेल में बंद बाहुलबली विधायक मुख्तार अंसारी को दो हफ्ते के भीतर उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया है। पंजाब सरकार की तरफ से पेश की गई दलीलों से कोर्ट संतुष्ट नजर नहीं आया है और उसने पंजाब सरकार से दो हफ्ते में मुख़्तार को यूपी भेजने को कहा है। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रयागराज MP MLA कोर्ट तय करेगी कि मुख्तार यूपी की किस जेल में रहेगा।
विश्वास का ट्वीट
यूपी के मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कवि और लेखक कुमार विश्वास ने ट्वीट किया है जो वायरल हो रहा है। विश्वास ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, 'लाने वाली गाड़ी यूपी पुलिस की होगी ?' विश्वास के इस ट्वीट को लोग जमकर रिट्वीट कर रहे हैं और साथ में कमेंट भी कर रहे हैं।
लोग कर रहे हैं कमेंट
सोनू सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा, 'हो सकता है कॅप्टन साहब अपने चार्टेड विमान से भेजे, क्यूंकि वकील की फौज तो बचा नहीं पाई शायद विमान ही बचा दे। गाड़ी में तो नहीं भेजेंगे' वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, 'इस व्यक्ति को लाते समय उत्तर प्रदेश पुलिस की गाड़ी पलटने ही चाहिए क्योंकि यह व्यक्ति बहुत दुर्दांत है इसने बहुत बुरी तरीके से कृष्णानंद राय की हत्या करवाई थी बहुत बुरी तरीके से उनके शव को छलनी किया था आज इसका इंसाफ हो जाना चाहिए तभी कृष्णानंद के आत्मा को शांति मिलेगी ऐसा उम्मीद।'
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने यह आदेश उत्तर प्रदेश सरकार की उस याचिका पर दिया जिसमें अनुरोध किया गया था कि पंजाब सरकार और रूपनगर जेल के अधिकारियों को अंसारी को तुरंत जिला जेल, बांदा को सौंपने का निर्देश दिया जाए।
पंजाब सरकार की दलील
पंजाब सरकार ने चार मार्च को न्यायालय में कहा था कि योगी आदित्यनाथ सरकार को यह अनुरोध करने को कोई मौलिक अधिकार नहीं है कि अंसारी को रूपनगर जेल से बांदा जिला जेल भेज दिया जाए। एक कथित जबरन वसूली के मामले में जनवरी 2019 से जिला जेल रूपनगर में बंद अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई गंभीर आरोप हैं।