शनि अमावस्या पर्व पर कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक के अंतिम शाही स्नान पर कान्हा की नगरी में उल्लास का माहौल छाया रहा। वृंदावन में कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक के अंतिम शाही स्नान से पहले शनिवार को संतों की पेशवाई निकली। पेशवाई यमुना तट से शुरू हुई, जो तीर्थनगरी के प्रमुख मार्गों से गुजरी। संतों के दर्शन को हजारों श्रद्धालु सड़कों के किनारे हाथ जोड़ खड़े हो गए।
फाल्गुन की अमावस पर शनिवार को कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक क्षेत्र से तीसरे और अंतिम शाही स्नान पर सुबह नौ बजे देवराहा बाबा मार्ग से शाही पेशवाई निकली।
वृंदावन में शाही पेशवाई को निकले संत-महंतों का जगह-जगह स्वागत किया गया और श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध खड़े होकर फूलों की बारिश की।
पेशवाई में सबसे आगे तीनों अनी अखाड़ों के श्रीमहंत, चतुरःसम्प्रदाय महंत, महामंडलेश्वर, महंत, खालसा प्रमुख चल रहे थे गाजे-बाजे के साथ निकली पेशवाई में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
शाही स्नान को लेकर उल्लास ऐसा था कि होली से एक पखवाड़ा पहले ही पेशवाई में जमकर अबीर-गुलाल उड़ा। कालिंदी का तट जयश्रीराम और राधारानी के जयकारों से गूंज उठा।
पेशवाई में किसी साधु के हाथ में शंख तो किसी के हाथ डमरू था, जिनकी आवाज लोगों को आनंदित कर रही थी। कभी किसी ओर से स्वर सुनाई देते तो कभी किसी अन्य दिशा से आवाज गूंजती।
नागा साधुओं ने वीरध्वज निशान को सांकेतिक रूप से यमुना स्नान कराया इसके साथ ही जय श्रीराम का उ्दघोष करते संतों के जत्थे यमुना में कूद पड़े, चारों ओर भक्ति का उल्लास छा गया।
(फोटो साभार- यूपी टूरिज्म)