- लेह में बढ़ी भारतीय वायुसेना की गतिविधियां, लड़ाकू विमान भर रहे हैं उड़ान
- चीनी सैनिकों पर नजर रखने में आर्मी की मदद कर रही है वायुसेना
- लद्दाख में भारत और चीन के पिछले कई महीनों से चल रहा है तनाव
लद्दाख: भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव बना हुआ है। पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिणी छोर से घुसपैठ का असफल प्रयास कर चुकी चीनी सेना की हरकतों पर फौज ही नहीं बल्कि वायुसेना की भी कड़ी नजर बनी हुई है। लेह में रविवार सुबह अचानक से वायुसेना की निगरानी बढ़ गई और फाइटर जेट लगातार उड़ान भरते नजर आए। दरअसल आर्मी को बैकअप देने के लिए ये लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे हैं तांकि दुश्मन के सैन्य शिविरों पर नजर रखी जा सके।
अहम स्थानों पर भारत का कब्जा
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ पैंगोंग त्सो क्षेत्र के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों में महत्वपूर्ण रणनीतिक ठिकानों पर कब्जा करने के बाद लेह में वायुसेना की गतिविधिया भी बढ़ गई हैं। टाइम्स नाउ के सोहिल शेहरान ने जमीनी हालतों का जायजा लिया। भारत के सैनिकों ने मोल्डो में विभिन्न क्षेत्रों में उन स्थानों पर कब्जा कर लिया है जो रणनीतिक रूप से अहम हैं और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी कैंप पर नजर बनाए हुए हैं।
जारी है बातचीत
भारत बातचीत के माध्यम से मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रहा है लेकिन अपनी अखंडता और संप्रभुता के लिए लड़ने के लिए भी तैयार है। राजनयिक स्तर पर संवाद के अलावा, हर रोज चुशुल में जनरल के साथ-साथ ब्रिगेडियर स्तर की भी बातचीत चल रही है। वहीं सुरक्षा बलों की सुविधा के लिए, बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने लेह को जोड़ने वाली सभी सड़कों का कार्य पूरा करने के लिए चौबीसों घंटे काम करना शुरू कर दिया है।
बीआरओ ने तेज किए सड़क निर्माण के कार्य
सड़क निर्माण के लिए करोड़ों रुपये की लागत वाली नवीनतम प्रकार की मशीनों लगाया गया है और लगातार काम जारी है। बीआरओ के मजदूरों और काम पर रखने वाले कामगारों को सप्ताहांत और डबल शिफ्ट में भी काम करने के लिए कहा गया है। चीन सीमा पर मौजूदा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, कार्यबल में भी काफी वृद्धि हुई है।बीआरओ ने राष्ट्रीय राजमार्ग 1 पर पदम-यूलचंग-सुमदो से खलसी तक लद्दाख के लिए एक सड़क को तैयार कर लिया है। यह कदम सुरक्षा बलों को लद्दाख तक पहुंचने में बहुत मदद करता है वो भी दुश्मन की नजर में आए बिना।