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लद्दाख में आमना-सामना, 'चालबाज' चीन को मिला इस बार करारा जवाब

Updated Dec 15, 2020 | 16:34 IST

Ladakh standoff: इस घटना के बाद पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव काफी बढ़ गया। सीमा पर चीन ने अपनी फौज की तादाद बढ़ाई तो भारत भी पीछे नहीं रहा।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
लद्दाख में आमना-सामना, 'चालबाज' चीन को मिला इस बार करारा जवाब। -प्रतीकात्मक तस्वीर

सीमा पर बार-बार अतिक्रमण कर दबाव बनाने की 'चाल' को भारत ने इस बार करारा जवाब दिया। 15-16 जून की दरम्यानी रात में गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। भारतीय जवानों ने देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। बताया जाता है कि इस संघर्ष में चीन के भी करीब 40 सैनिक मारे गए। हालांकि, चीन की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। 

इस घटना के बाद पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव काफी बढ़ गया। सीमा पर चीन ने अपनी फौज की तादाद बढ़ाई तो भारत भी पीछे नहीं रहा। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को जवाब देने के लिए अरुणाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश सभी मोर्चों पर अपने सैनिकों की संख्या में इजाफा किया।

एलएसी के समीप एयरबेस पर वायु सेना अलर्ट मोड पर चली गई। यहां तक कि फ्रांस से आए नए राफेल लड़ाकू विमानों को भी जरूरत पड़ने पर अभियान में शामिल करने की तैयारी कर ली गई।  

लद्दाख में मिसाइलों की तैनाती कर दी गई। सीमा पर तैनात जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह का दौरा किया। अपने दौरों के जरिए पीएम मोदी एवं रक्षा मंत्री चीन पर निशाना साधते हुए यह बात पूरी तरह से स्पष्ट कर दी कि भारत न तो अपनी संप्रभुता से रक्षा करेगा और न एक इंच पीछे हटेगा। भारत के सख्त तेवरों से चीन का दांव उल्टा पड़ गया। 

यहां तक कि पैंगोंग त्सो लेक के पास की ऊंची चोटियों पर भारतीय सेना ने नियंत्रण कर उसे हक्का-बक्का कर दिया। हमेशा से डिफेंसिव मोड में रहने वाली भारतीय फौज का आक्रामक रवैया उसे भारी पड़ने लगा। 

सीमा पर तनाव एवं गतिरोध कम करने के लिए शीर्ष राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर लगातार बातचीत चल रही है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों एवं सैन्य कमांडर स्तर पर कई दफे की बातचीत हो गई है लेकिन जमीन पर हालात में ज्यादा बदलाव नहीं हुए हैं। हालांकि, भारत और चीन दोनों देशों ने सीमा पर तनाव कम करने के लिए बातचीत जारी रखने का फैसला किया है। 
 

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