लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence) में दिवंगत पत्रकार रमन कश्यप के परिवार से मुलाकात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने धरने पर बैठने का एलान किया है, गौर हो कि सिद्धू सहित कांग्रेस के कई नेता गुरुवार को पंजाब से रवाना हुए थे उन्हे सहारनपुर में हिरासत में ले लिया गया था कुछ घंटों बाद उन्हें लखीमपुर (Lakhimpur Kheri) जाने की इजाजत मिली सिद्धू ने लखीमपुर खीरी में मृतक किसानों और पत्रकार रमन कश्यप के परिवार से मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने ये कदम उठाया है।
सिद्धू ने कहा कि सरकार आरोपियों को बचा रही है. उन्होंने कहा कि आज अगर किसान आंदोलन को देखेंगे तो सिस्टम से किसानों का विश्वास उठ गया है। सिद्धू ने परिवार वालों से मुलाकात के बाद अपनी संवेदनाएं व्यक्त की, परिजनों से थोड़ी देर बात करने के बाद सिद्धू ने कहा कि जब तक अजय मिश्रा के बेटे आशीष के ऊपर कार्यवाही नहीं होती तब तक मैं ऐसे ही बैठा रहूंगा यह मेरा आखिरी बयान है, इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू मौन हो गए।
'मैं यहां भूख हड़ताल पर बैठूंगा, इसके बाद मैं मौन हूं, कोई बात नहीं करूंगा'
दिवंगत पत्रकार रमन कश्यप के परिवार से मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा, 'जब तक मिश्रा जी (अजय मिश्रा टेनी) के बेटे आशीष के ऊपर कार्रवाई नहीं होती, वो जांच में शामिल नहीं होता, मैं यहां भूख हड़ताल पर बैठूंगा, इसके बाद मैं मौन हूं, कोई बात नहीं करूंगा।'
सिद्दू ने कहा कि मानवीय जीवन की पैसों से भरपाई नहीं हो सकती, मैं लवप्रीत के पिता से बात कर रहा था तो उन्होंने भी न्याय दिलाने की बात कही यहां भी वही बात दोहराई गई। उन्होंने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए। हमें पैसे नहीं चाहिए।
कोर्ट ने ये भी कहा कि ये 8 लोगों की नृशंस हत्या का मामला है
गौर हो कि लखीमपुर हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने जांच की प्रगति को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से नाराजगी जतायी, सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यूपी सरकार को कानून के हिसाब से कार्रवाई करनी चाहिए थी। कोर्ट ने ये भी कहा कि ये 8 लोगों की नृशंस हत्या का मामला है, कोर्ट ने यूपी डीजीपी को निर्देश दिया कि इस घटना से जुड़े सभी सबूतों को सुरक्षित रखा जाए, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच लखीमपुर मामले की सुनवाई कर रही थी।