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शहीद ले. कर्नल ऋषभ ने कुछ समय पहले ही मनाई थी शादी की सालगिरह, अब परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

Updated Jan 31, 2021 | 15:26 IST

पठानकोट और कठुआ के बीच 25 जनवरी को हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए फरीदाबाद के लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा की विदाई में जन सैलाब उमड़ा था।

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शहीद ले. कर्नल ऋषभ के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मुख्य बातें
  • कुछ दिन पहले ही जम्मू कश्मीर में क्रैश हो गया था रूद्र हेलीकॉप्टर
  • इस हादसे में शहीद हो गए थे लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा
  • लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ ने पिछले महीने ही मनाई थी शादी की 10वीं सालगिरह


फरीदाबाद: कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर के कठुआ में भारतीय सेना का 'रूद्र हेलीकॉप्टर' क्रैश हो गया जिसमें 36 साल के लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा की मौत हो गई। दरअसल इस हेलीकॉप्टर ने पठानकोट के मामून कैंट से उड़ान भरी थी और लखनपुर पहुंचते ही इसमें तकनीकी खराबी आ गई जिसके बाद यह बिजली की तारों से टकराते हुए पेड़ों पर जा गिरा और इसमें आग लग गई। इस दौरान पायलटों ने इमरजेंसी लैंडिग के प्रयास भी किए लेकिन वह सफल नहीं हुए।

कुछ समय पहले ही परिजनों ने की थी मुलाकात

इस हादसे में फरीदाबाद के रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा के परिवार पर तो मानों दुखों का पहाड़ टूट गया है। लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ का परिजन(पत्नी और बेटा) कुछ दिन पहले ही उनसे मिलने पठानकोट गए हुए थे। लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ कोविड की वजह से पिछले एक साल से परिवार से ठीक तरह से मिल भी नहीं पा रहे थे। जैसे ही परिजनों को उनके शहीद होने की खबर मिली तो हर कोई मानों सन्न रह गया। हादसे में उनके सह पायलट अभी भी जिदंगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं।
 

दो साल पहले हुआ था प्रमोशन
टाइम्स नाउ से बात करते हुए उनके परिजन ने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ का दो साल पहले ही प्रमोशन हुआ था और वो लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे। 2002 में एनडीए में सलेक्शन होने के बाद ऋषभ ने आईएमए देहरादून का रूख किया और टेक्निकल इंजीनियरिंग के बाद उन्हें आर्टिलरी में तैनाती मिली। इसके बाद सबसे कठिन मानी जाने वाली आर्मी एविएशन के लिए उन्हें चयनित किया गया। पिछले महीने ही ऋषभ की 10वीं सालगिरह थी।

पिता ने दी मुखाग्नि

ऋषभ के परिवार में पत्नी राधा, पांच वर्षीय बेटा पार्थ और मां शैला शर्मा पिता डॉ. राजेंद्र शर्मा हैं। पिता डॉ. राजेद्र शर्मा केंद्र सरकार से डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए है। तिरंगे में लिपटा हुआ शव जब फरीदाबाद पहुंचा तो हर कोई गमगीन था और अंतिम विदाई के समय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।  एक पिता के लिए इससे ज्यादा दुख का क्षण और क्या हो सकता है जब उसे अपने ही बेटे को मुखाग्नि देनी पड़े। लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा की मौत के बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया और इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर स्थानीय विधायक सीमा त्रिखा शर्मा तथा पूर्व विधायक ललित नागर भी मौजूद रहे।

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