श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की सूचना और जनसंपर्क डायरेक्टर सैयद सेहरिश असगर ने सोमवार को बताया कि पूरी घाटी में कोई बड़ी कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब होने की सूचना नहीं मिली है। जीवन सामान्य रूप से लौट रहा है। जनता सामान्य रूप से सहयोग कर रही है। कुछ तत्वों ने कल कुछ अफवाहें फैलाई गई थीं। सरकार लोगों से आग्रह करती है कि वे निहित स्वार्थों के कारण किसी भी तरह की अफवाह पर विश्वास न करें। जम्मू क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की कोई घटना सामने नहीं आई है।
डीआईजी सेंट्रल कश्मीर वी के बर्डी ने कहा, 'जिन क्षेत्रों में ढील बढ़ाई गई है, वहां शांति है। कुछ पॉकेट्स में पथराव की कुछ मामूली घटनाएं हुईं, लेकिन उन पर कानून के अनुसार कार्रवाई की गई और उपद्रवियों को खदेड़ दिया गया।' बर्डी ने दोहराया कि जहां तक लॉ एंड ऑर्डर की बात है तो पूरी घाटी से आज कोई बड़ी कानून और व्यवस्था की घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रखी जा रही है और यह धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में लौट रही है।
उधर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कश्मीर घाटी से लौटने के बाद डोभाल की गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की। जम्मू कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बारे में शाह को जानकारी दी। डाभोल घाटी में 10 दिनों तक रुके थे और वहां उन्होंने हालात पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखा था। एनएसए ने गृहमंत्री को जम्मू कश्मीर की संपूर्ण स्थिति के बारे में बताया। जिसमें राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा और अन्य शीर्ष अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे।
केंद्र सरकार ने हाल ही में अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। जिससे जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा हासिल था। अब यह प्रदेश दो हिस्सों में बंट गया है। दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। पहला जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।