- कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमीक्रोन ने दुनिया भर के देशों की चिंता बढ़ा दी है
- शुरुआती जांच के बाद इस वैरिएंट को डेल्टा से ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है
- भारत में इस वायरस से संक्रमण के दो केस कर्नाटक में मिले हैं, सरकार हुई सतर्क
नई दिल्ली : कोविड-19 (Covid-19)के नए वैरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) (बी.1.1.529) की दहशत पूरी दुनिया में देखने को मिल रही है। इस वैरिएंट की शुरुआती जांच में मिले नतीजों के बाद इस वायरस को काफी संक्रामक माना जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को डब्ल्यूएचए के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यह वायरस डेल्टा वैरिएंट से पांच गुना ज्यादा संक्रामक है और यह अब तक 29 देशों में पाया जा चुका है। ओमीक्रोन की संक्रामकता को देखते हुए दुनिया के देश चिंतित हैं और इससे निपटने के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं। देशों ने अपने यहां कोविड प्रोटोकॉल्स को ज्यादा सख्ती से लागू करने एवं यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
कर्नाटक में ओमीक्रोन संक्रमण के 2 केस मिले
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि कोविड-19 के इस नए वैरिएंट से भारत भी अछूता नहीं है। कर्नाटक में ओमीक्रोन से संक्रमण के दो मामले मिले हैं। इन दोनों व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाकर उन्हें क्वरांटीन में रखा जा रहा है। ओमीक्रान का पहला केस 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिला। इसके बाद अब तक यह वायरस 29 देशों में दस्तक दे चुका है और इन देशों में इससे संक्रमण के 375 मामले सामने आ चुके हैं। ओमीक्रान से संक्रमण की जद में अमेरिका भी आ गया है। यहां इस वायरस का पहला केस कैलीफोर्निया में मिला है। ओमीक्रोन से संक्रमित देशों की यह सूची मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है-
वे देश जहां ओमीक्रोन दस्तक दे चुका है
- भारत
- दक्षिण अफ्रीका
- बोत्सवाना
- नीदरलैंड
- हांगकांग
- इजरायल
- बेल्जियम
- ब्रिटेन
- जर्मनी
- ऑस्ट्रेलिया
- इटली
- डेनमार्क
- ऑस्ट्रिया
- कनाडा
- स्वीडन
- स्विटजरलैंड
- स्पेन
- पुर्तगाल
- जापान
- (रियूनियन) फ्रांस
- घाना
- दक्षिण कोरिया
- नाइजीरिया
- ब्राजील
- नार्वे
- अमेरिका
- सऊदी अरब
- आयरलैंड
- संयुक्त अरब अमीरात
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भारत ने जारी की संशोधित गाइडलाइन
कोविड-19 के इस नए वायरस के खतरे को देखते हुए भारत ने एहतियाती कदम उठाए हैं। भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी की गई है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 'एट-रिस्क कंट्रीज' और अन्य देशों के लिए अलग-अलग परामर्श जारी किए हैं। यह गाइडलाइन देश में एक दिसंबर से लागू है।
'एट रिस्क कंट्रीज' से आने वाले यात्रियों की हवाई अड्डे पर RT-PCR जांच
'एट रिस्क कंट्रीज' से आने वाले यात्रियों की हवाई अड्डे पर आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। यदि यह जांच रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो उनका इलाज क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल्स के तहत होगा। पॉजिटिव मिलने वाले यात्रियों के सैंपल्स जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे। जांच में रिपोर्ट में यदि निगेटिव आती है तो यात्री को घर भेजा जाएगा लेकिन उसे घर पर सात दिनों तक क्वरांटीन में रहना होगा। आठवें दिन इस व्यक्ति को अपनी आरटी-पीसीआर टेस्ट करानी होगी।
इन यात्रियों की होगी RT-PCR की रैंडम जांच
'एट रिस्क कंट्रीज' से बाहर के देशों से आने वाले कुल यात्रियों में से 2 प्रतिशत की एयरपोर्ट पर RT-PCR की रैंडम जांच की जाएगी। भारत में 15 दिसंबर से नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होनी हैं लेकिन ओमीक्रान के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने कहा है कि वह इस बारे में आगे फैसला करेगी।