- देश में 31 मई तक अब लॉकडाउन लागू, कई तरह की छूट मिली
- स्थानीय जरूरत के मुताबिक राज्य सरकारें ले सकती हैं फैसला
- राज्य सरकारों को हर हाल में गाइडलाइंस का पालन करना ही होगा
नई दिल्ली। कोरोना के मामले देश में 96 हजार के आंकड़े को पार चुके हैं और आगे की लड़ाई के लिए एक बार फिर लॉकडाउन को हथियार बनाया गया है जिसे लॉकडाउन 4.0 का नाम मिला है। लॉकडाउन 4 में रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन के साथ कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का भी जिक्र है। सभी राज्यों से कहा गया है वो अपनी जरूरत के हिसाब से फैसला कर सकते हैं। लेकिन गृहमंत्रालय की गाइडलाइन को मानना ही पड़ेगा।
'राज्य सरकारों को गाइडलाइंस का पालन करना होगा'
गृहमंत्रालय ने इस संबंध में राज्य सरकारों को खत लिखकर आगाह भी किया है। राज्य सरकारें लॉकडाउन 4 के तहत लोगों को राहत देने के संबंध में ऐलान करे लेकिन यह जरूरी है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जो पाबंदियां लगाई गई हैं उनका पालन किया जाए। केंद्र सरकार का कहना है कि राज्यों का सुनिश्चित करना होगा, लाकॉडाउन 4 के संबंध में जो नियम कानून बनाए गए हैं उनका शिद्दत से पालन हो। अगर कोई राज्य इसमें किसी तरह की कोताही करेगा तो उसके नकारात्मत नतीजे सामने आएंगे।
राज्य सरकारें जरूरत के मुताबिक कर सकती हैं फैसले
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए एक तरफ ऐहतियात जरूरी है तो दूसरी तरफ आर्थिक रफ्तार में तेजी लानी है। इसके लिए राज्य सरकारें जोन का निर्धारण करें। वो इस बात का फैसला करें कि किस तरह से उनके राज्य में दुकानें खोली जाएंगी, इंटर स्टेट बसों को किस तरह से चलाने की अनुमति दी जा सकती है। इस संबंध में आखिरी फैसला राज्य सरकार को ही लेना है। लेकिन सिनेमा हॉल, मॉल, धार्मिक गतिविधियों से लेकर स्कूल-कॉलेज और राजनीतिक आयोजनों समेत तमाम जो पाबंदियां लगाई हैं वो लागू रहेंगी। कोई भी राज्य सरकार इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है।