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शराब की दुकानें राहत या आफत? जानें, पीने और नहीं पीने वाले किस पर गुस्सा हैं

Updated May 05, 2020 | 14:16 IST

Delhi Liquor shops: लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की बिक्री को मंजूरी दी गई है। इसके बाद से ही शराब की दुकानों पर लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं।

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मुख्य बातें
  • लॉकडाउन में शराब की बिक्री को भी मंजूरी मिली है
  • शराब की दुकानों पर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं
  • कई राज्यों में पुलिस को लाठियां भी चलानी पड़ी हैं

नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की दुकानें खुलीं तो लोग इस कदर टूट पड़े कि सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गईं। कई राज्यों में शराब की दुकानों पर लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। लोग सुबह से ही शराब की दुकानों के बाहर लाइन लगाना शुरू कर देते हैं और घंटो में अपने नंबर के इंताज में खड़ रहते हैं। इस दौरान कई राज्यों में पुलिस को लाठियां भी चलानी पड़ी। हालांकि, दुकानों पर हो रही इस अव्यवस्था से स्थानीय लोग और शराब पीने वाले दोनों ही परेशान हैं। दोनों इसके लिए पुलिस को ही जिम्मेदार मान रहे हैं। महाराष्ट्र के भिवंडी में जहां स्थानीय लोगों ने शराब की दुकाने खोलने को लेकर प्रदर्शन किया वहीं दिल्ली के लक्ष्मी नगर में शराब पीने वालों ने अव्यवस्था को लेकर रोष व्यक्त किया।

'जब मंदिर बंद है तो शराब की दुकानें क्यों खुलें'

भिवंडी में स्थानीय लोगों ने शराब की दुकानें खोलने का विरोध किया। स्थानीय लोग शराब की दुकान के मालिक से कह रहे हैं कि जब मंदिर बंद है तो इसकी दुकानें खोलने की क्या जरूरत है। इससे यहां भीड़ बढ़ रही है। बाद में इस मामले में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और स्थानीय लोग वापस चले गए। दूसरी तरफ, लक्ष्मीनगर में शराब के लिए सुबह से लाइन में खड़े एक आदमी ने वहां पर हो रही परेशानियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कौन यहां पर व्यवस्थित करेगा। ये पुलिस वालों की ड्यूटी है। उसने कहा कि आप एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं कि पब्लिक पागल हो रही है? लेकिन पब्लिक को समझाएगा कौन?

'अगर लड़ाई हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा'

एएनआई के मुताबिक, आदमी ने कहा, 'मैं यहां सुबह 6 बजे लाइन में लगा हूं। ठेका सुबह 9 बजे खुलना था लेकिन पुलिस 8 बजकर 55 मिनट पर आई। पब्लिक में से ही एक शख्स लोगों को नंबर दे रहा है। जैसे ही 9 बजे ठेका खुलता है तो बड़ी तादाद में भीड़ आती है और फिर नंबर को तोड़ देती है। कौन यहां पर व्यवस्थित करेगा लोगों को। अगर यहां को लड़ाई हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। कौन उन्हें समझाएगा कि किस तरह खड़ा होना है। क्या ये पुलिस वालों की ड्यूटी नहीं है। क्या ये ठेके वालों की जिम्मेदारी नहीं है। आप एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं कि पब्लिक पागल हो रही है? पब्लिक को समझाएगा कौन? हमें 70% टैक्स बढ़ने से कोई समस्या नहीं है। यह हमारे तरफ से देश के लिए एक दान है।'

दिल्लीं में 70 फीसदी महंगी मिल रही शराब

दिल्ली में मंगलवार से शराब महंगी हो गई है। केजरीवाल सरकार ने शराब पर स्पेशल कोरोना फीस लगाई है। सरकार ने शराब पर 70 फीसदी 'स्पेशल कोरोना फीस' लगा दी है। इससे दिल्ली में शराब एमआरपी से 70 फीसद अधिक मंहगे दर पर मिल रही है। शराब महंगी हो या ना इसे खरीदने वालों में कमी नहीं हो रही है। गौरतलब है कि सोमवार से देश में लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई। लॉकडाउन को दो हफ्तों के लिए बढ़ाकर 17 मई तक के लिए कर दिया गया है। हालांकि, इस लॉकडाउन में कई रियायतें भी दी गई हैं। इनमें शराब की बिक्री को भी मंजूरी दी गई है।


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