भोपाल: कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान शराब नहीं मिलने के कारण मध्यप्रदेश में शराबी नशे के रूप में कथित रूप से सैनिटाइजर का सेवन कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 के दौरान सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत सैनिटाइजर में कम से कम 70 प्रतिशत एल्कोहल की मात्रा होना अनिवार्य है। अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी शराब एवं भांग की दुकानें कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अभी तक बंद हैं। भोपाल स्थित सिद्धांता रेडक्रॉस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निदेशक डॉ सुबोध वार्ष्णेय ने रविवार को बताया, 'मुझे भी जानकारी मिली है कि शराबी नशे के लिए सैनिटाइजर का सेवन कर रहे हैं। ऐसा करके वे अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। यह गंभीर समस्या है।'
'सैनिटाइजर पर चेतावनी लिखी होना चाहिए'
उन्होंने कहा, 'दरअसल मैंने हाल ही में 18 वर्षीय एक युवती का इलाज किया था, जिसने सैनिटाइजर पी लिया था। हालांकि, उसने कहा था कि उसने गलती से सैनिटाइजर पी लिया था। लेकिन उसके इस तर्क पर विश्वास नहीं हो रहा।' वार्ष्णेय ने बताया कि शराब बनाने वाली कंपनी द्वारा निर्मित सैनिटाइजर में 'एथिल एल्कोहल' एवं 'हाइड्रोजन पेरोक्साइड' होती है, जो विषाक्त संयोजन है। असलियत में इस सैनिटाइजर में एक व्हिस्की की बोतल में जितना एल्कोहल रहता है, उससे दोगुना एल्कोहल है। उन्होंने कहा, 'सैनिटाइजर की बोतलों पर चेतावनी लिखी होना चाहिए कि यह केवल बाह्य उपयोग के लिए है।'
उन्होंने कहा, 'बाजार में तीन प्रकार के सैनिटाइजर मिल रहे हैं। मेरी जानकारी के अनुसार अन्य दो प्रकार के सैनिटाइजर को उपयोग शराब के सेवन के रूप में नहीं किया जा रहा है, लेकिन शराब बनाने वाली कंपनी द्वारा निर्मित सैनिटाइजर में 'खाद्य एल्कोहल' होने के कारण कुछ शराबी इसका सेवन कर रहे हैं।' एक दिन पहले मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में एक व्यक्ति को सैनिटाइजर से शराब बनाने और इसे ऊंची कीमत पर लोगों को बेचने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। रायसेन जिले की पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने बताया कि इस संबंध में आबकारी कानून के प्रावधानों के तहत इंदल सिंह राजपूत पर मामला दर्ज किया गया है।
'लोगों को सैनिटाइजर नहीं पीना चाहिए’
वहीं, मध्यप्रदेश आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि सैनिटाइजर का सेवन शराब के तौर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘सैनिटाइजर मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। हालांकि, मैं लोगों को सलाह देता हूं कि उन्हें सैनिटाइजर को पीना नहीं चाहिए।’ जब उनसे सवाल किया गया कि महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव में हाल ही में सैनिटाइजर पीने से दो लोगों की मौत के बाद आबकारी विभाग ने लोगों से सैनिटाइजर न पीने की कथित तौर पर अपील की है, तो इस पर उन्होंने कहा, 'यह एल्कोहल नहीं है। यह मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।' बहुगुणा ने बताया, ''यह नियंत्रक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के अंतर्गत आता है।'
इस संबंध में नियंत्रक खाद्य और नागरिक आपूर्ति ज्योति शाह परवरिया ने बताया, 'मैं ड्रग (दवाएं) का काम नहीं देखती हूं।' उप नियंत्रक :ड्रग: शोबित कोश्टा से इस बारे में टिप्पणी लेने के लिए बार—बार फोन करने पर भी संपर्क नहीं हो पाया। मध्य प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (स्वापक औषधि) डॉ एस. डब्ल्यू. नकवी ने बताया कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि शराबी सैनिटाइजर का सेवन शराब के रूप में कर रहे हैं।