- देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार का शपथ लेना सबको चौंका गया, इस संबंध में किसी को भी जरा सी भी भनक नहीं लगी
- शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के बीच बातचीत जारी थी, आज गठबंधन पर मुहर लगती, उद्धव होते CM
- अब सवाल है कि अजित पवार के साथ एनसीपी के कितने विधायक हैं?
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जिस तरह शनिवार सबुह खबर आई कि देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री की और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, उसने सभी को सकते में डाल दिया। विरोधियों समेत राजनीतिक जानकारों के लिए भी कुछ समय तक इस खबर पर विश्वास करना मुश्किल था। इसके बाद से लगातार विरोधियों द्वारा बीजेपी पर निशाना साधा जा रहा है। कांग्रेस ने इसकी कड़ी निंदा की। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, 'अब ये साबित हो गया कि भाजपा देश के लोकतंत्र की सुपारी ले चुकी है। राज्यपाल एक बार फिर शाह के ‘हिटमैन’ साबित हुए हैं।
1. राष्ट्रपति शासन कब हटा?
2. रातोंरात कब दावा पेश किया ?
3. कब विधायकों की सूची पेश की?
4. कब विधायक राज्यपाल के समक्ष पेश हुए?
5. चोरों की तरह शपथ क्यों दिलाई?'
सुरजेवाला ने एक और ट्वीट किया जिसमें फडणवीस बीजेपी की सरकार आने पर अजित पवार को सिंचाई घोटाले में जेल भेजने की बात कर रहे हैं। ट्वीट में उन्होंने कहा, 'वादा था ₹72,000 करोड़ के सिचाई घोटाले में अजीत दादा को गिरफ्तार कर आर्थर रोड जेल में डालने का और चक्की पिसवाने का, पर पहुंचा दिया उप-मुख्यमंत्री बनाकर मंत्रालय में!
मोदी है, तो मुमकिन है!'
कांग्रेस नेता ने और भी ट्वीट किए जिसमें से एक में वो कहते हैं कि सत्ता की हवस सिद्धांत व भ्रष्टाचार धो देती है।
इसके अलावा कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र के इतिहास में आज काला दिन है। सब कुछ जल्दबाजी में किया गया। कहीं कुछ गड़बड़ है। इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।'