- महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 41 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि इस घातक संक्रमण से एक शख्स की जान जा चुकी है
- COVID-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐसे लोगों की हथेली पर 'होम क्वारन्टीन' लिखने का फैसला लिया गया है, जिन्हें घर में पृथक किया गया है
- कोरोना वायरस की आशंका के मद्देनजर घर में अलग किए गए लोगों से बाहर नहीं निकलने के लिए भी कहा गया है, ताकि दूसरों को कोई खतरा न हो
मुंबई : देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़ रही है। मंगलवार को यह आंकड़ा 137 पहुंच गया है, जिनमें से 41 अकेले महाराष्ट्र के हैं। राज्य में कोरोना वायरस के कारण एक शख्स की जान भी जा चुकी है। ऐसे में इस घातक बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन यहां उन लोगों का रिकॉर्ड रख रहा है, जिन्हें घर में ही पृथक रखा गया है। ऐसे लोगों के बाएं हाथ पर 'होम क्वारन्टीन' लिखा जा रहा है।
हथेली पर 'होम क्वारन्टीन'
राज्य सरकार ने इस संबंध में सोमवार को फैसला लिया, जिसके तहत जिन लोगों को भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका के मद्देनजर 14 दिनों तक एहतियातन घर में रहने की सलाह दी गई है, उनके बाएं हाथ पर अमिट स्याही से 'होम क्वारन्टीन' लिखा जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई जिला अधिकारियों की बैठक में लिया गया।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने पहले ही प्रभावित देशों की यात्रा कर देश लौटने वालों को एहतियातन 14 दिनों तक घर में खुद को अलग-थलग रखने का सुझाव दिया है। उनके सैंपल भी जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने भी ऐसे लोगों और कोरोना वायरस की आशंका के मद्देनजर घर में अलग किए गए लोगों से कहा है कि वे बाहर न निकलें, ताकि दूसरों को कोई खतरा न हो।
क्या बोले उद्धव ठाकरे
ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाना कोई अपराध नहीं है। ऐसे लोगों को उचित चिकित्सा उपचार और मनोवैज्ञानिक मदद देने की आवश्कयता है। संक्रामक रोग अधिनियम लोगों के हित में ही लागू किया गया है और जिला प्रशासन प्रशासन को इसे लेकर लोगों को सतर्क करने की आवश्यकता है। उन्होंने 'होम क्वारन्टीन' में रखे गए लोगों को भी सभी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए।
इस संबंध में आदेश ग्रेटर मुंबई म्यूनिसिपल कमीश्नर प्रवीण प्रदेश की ओर से सोमवार शाम जारी किए गए, जिसमें संबंधित अस्पतालों, एयरपोर्ट अधिकारियों से 'होम क्वारन्टीन' लोगों की बाईं हथेली पर पीछे तारीख के साथ यह शब्द लिखने के लिए कहा गया। इसके अतिरिक्त, लोगों को अपनी शिकायतें सरकारी दफ्तर में जाकर देने की बजाय ईमेल के जरिये भेजने को कहा गया है।