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Mumbai: दोनों बेटों के साथ खुद कार ड्राइव कर राजभवन पहुंचे उद्धव, इस्तीफे के बाद बोले- मैं लौटकर आऊंगा

Updated Jun 30, 2022 | 06:43 IST

Uddhav Thackeray Resigns: सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद बोले उद्धव ठाकरे ने कहा 'मेरे पास शिवसेना है इसे कोई नहीं छीन सकता।' इस्तीफा सौंपने के लिए उद्धव खुद ड्राइव करके राजभवन पहुंचे थे।

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खुद कार चलाकर इस्तीफा देने पहुंचे उद्धव
मुख्य बातें
  • फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ने इस्तीफा दिय, फेसबुक LIVE के जरिए इस्तीफे का ऐलान किया
  • इस्तीफे के बाद बोले उद्धव- सोनिया, NCP, कांग्रेस को धन्यवाद
  • ड्राइविंग सीट पर उद्धव ठाकरे, दोनों बेटों के साथ गवर्नर हाउस पहुंचे उद्धव

Uddhav Thackeray Resigns: महाराष्ट्र की सियासी उठापटक के बीच आखिरकार उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना ही पड़ा। वजह है सुप्रीम कोर्ट से उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिलना। उद्धव को जिसका डर था हुआ भी वही, बगावत की चोट ने उन्हें इतना मजबूर कर दिया कि गद्दी छोड़नी पड़ी। फेसबुक लाइव पर इस्तीफे का ऐलान करने के बाद उद्धव मातोश्री से राजभवन पहुंचे। इस दौरान उद्धव खुद ही कार चला रहे थे। कार में उनके साथ दोनों बेटे आदित्य और तेजस भी मौजूद थे।  राजभवन के पास स्थित मंदिर पर कार रोककर उन्होंने भगवान के दर्शन भी किए। इस्तीफे के बाद उद्धव ने कहा- मैं लौटकर आऊंगा।

दरअसल ये तब और तय हो गया जब गवर्नर के फ्लोर टेस्ट के आदेश को शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जहां चली लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने रात के करीब 9 बजे अपना ये फैसला सुनाया।

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सुप्रीम कोर्ट से लगा था झटका

सुप्रीम फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने रात के करीब साढ़े 9 बजे महाराष्ट्र की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी रुचि 'संख्याबल के खेल' में नहीं है और इसलिए वे अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। इस्तीफे के फैसले के थोड़ी देर बाद ही उन्होंने वेबकास्ट पर विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। ठाकरे ने इसके साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सड़क पर प्रदर्शन करने नहीं उतरें।

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अब सबसे बड़ा सवाल अभी यही है और जानकारों की मानें तो महीना तारीख और दिन बदलने के साथ ही महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री भी बदल जाएंगे। बहुत उम्मीद है कि बदले हुए मुख्यमंत्री का चेहरा किसा और का नहीं बल्कि देवेंद्र फडणवीस का ही होगा। क्योंकि अगर फेस से समझौता करना होता तो बीजेपी करीब ढाई साल तक विपक्ष में नहीं बैठती। वैसे भी सत्ता छिनने के बाद भी बीजेपी ने फडणवीस को ही नेता प्रतिपक्ष बनाया क्योंकि वो न सिर्फ दिल्ली के आकाओं के...बल्कि आरएसएस के भी चहेते हैं और इस पूरे सियासी माहौल में उनकी भूमिका भी बड़ी सधी हुई रही। उन्होंने न सिर्फ शिवसेना के बागियों के संपर्क में रहे बल्कि अपने विधायकों को भी जोड़े रहे और दिल्ली की बड़े नेताओं से भी लगातार संपर्क करते रहे। 

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