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महाराष्ट्र में दोबारा क्यों बढ़ने लगे कोरोना के केस? मुंबई में 42 दिनों बाद आए 721 नए मामले

Updated Feb 18, 2021 | 09:34 IST

Maharashtra Corona Cases : कुछ लोगों को मानना है कि मुंबई इलाके में आम लोगों के लिए लोकल ट्रेन की सेवा दोबारा शुरू करने की वजह से कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
मुंबई में बुधवार को 42 दिनों बाद आए 721 नए मामले।
मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है
  • नए मामलों में वृद्धि से केंद्र और राज्य सरकार फिर हरकत में आईं
  • कोविड-19 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन होने पर भारी जुर्माने का प्रावधान

मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति फिर से गंभीर होने लगी है। कोरोना मामलों में हो रही इस वृद्धि से केंद्र और राज्य सरकारों दोनों हरकत में आ गई हैं। राज्य सरकार में एक बार फिर से कड़े प्रतिबंध लागू करने के बारे में सोचने लगी है। बुधवार को राज्य में कोरोना के कुल 4787 मामले सामने आए। यह आंकड़ा पिछले 70 दिनों में सर्वाधिक है। यही नहीं, आर्थिक राजधानी मुंबई में 721 मामले सामने आए। यह संख्या पिछले 42 दिनों में सर्वाधिक है। मुंबई में कोरोना के रोजाना औसतन 450-500 नए मरीज मिल रहे थे। शहर में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 3,15,751 हो गई है जबकि राज्य में यह आंकड़ा 20, 76,093 पहुंच गया है। इससे पहले गत नौ दिसंबर को राज्य में सर्वाधिक 4,981 कोरोना के नए केस सामने आए थे।

राज्य के पंचायत चुनाव भी वजह?  
राज्य में कोरोना के मामलों में हो रहे इस इजाफे के बारे में कई कारण गिनाए जा रहे हैं। कुछ लोगों को मानना है कि मुंबई इलाके में आम लोगों के लिए लोकल ट्रेन की सेवा दोबारा शुरू करने की वजह से कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं। अगर ऐसा है तो विदर्भ क्षेत्र में कोरोना के नए मामलों में क्यों वृद्धि हो रही है, इसका जवाब नहीं मिल पाया है। राज्य में निगरानी अधिकारी डॉ. प्रदीप आवते का कहना है कि हाल ही में राज्य में हुई ग्राम पंचायत चुनाव कोरोना के मामलों में वृद्धि का एक कारण हो सकता है। 

विदर्भ में कोरोना केस में इजाफा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आवते ने कहा, 'ग्राम पंचायत चुनावों के दौरान विदर्भ और मराठवाड़ा के कुछ इलाकों में 80 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई। इससे महामारी तेजी से फैली होगी। अमरावती जिले के तिवसा तहसील में अब पॉजिटिविटी रेट 32.7 प्रतिशत है, इसका मतलब है कि यहां का हर तीसरा सैंपल पॉजिटिव हो रहा है।' अधिकारी का यह भी कहना है कि पिछले साल कोरोना संकट की वजह से शादी समारोह एवं अन्य पारिवारिक उत्सव एवं कार्यक्रम जो टाले गए थे वे अब होना शुरू हुए हैं। महामारी के फैलने में ये वजहें भी हो सकती हैं। वही वजह है कि इस तरह के समारोहों पर फिर से प्रतिबंध लगाया जा रहा है। 

'महामारी का दौर समाप्त नहीं हुआ'
डॉक्टर शशांक जोशी का कहना है कि यह सोचना गलता है कि महामारी का दौर समाप्त हो गया है। हम एहतियात बरतने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। हमें आगे भी मास्क पहनना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अमेरिका की तरह अपने यहां भी दोहरे लेयर वाला मास्क पहनने की जरूरत है।' स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि लोग कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। मंत्री ने कहा, 'जो लोग मास्क नहीं पहनेंगे उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।' उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर स्कूलों को बंद किया जाएगा।

राज्य सरकार ने कदम उठाए
कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं। इनमें शादी समारोहों सहित पारिवारिक कार्यक्रमों में अतिथियों की संख्या 50 तय की गई है। फिलहाल जुलूस, प्रदर्शन और रैलियों पर पूरी तरह से रोक है। किसी इमारत या भवन में कोरोना के कई केस मिलने पर उसे पूरी तरह से सील किया जाएगा। सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क पहने लोगों और सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।   

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