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Gandhi Jayanti 2020 : 13 साल में हो गई थी शादी, क्या बापू के बारे में आपको मालूम हैं ये 7 बातें ?

Updated Oct 02, 2020 | 06:00 IST

Gandhi Birth Anniversary : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज जयंती है। बापू के नाम से देश दुनिया में जाने जाने वाले गांधी जी के बारे में ये बातें जानते हैं आप-

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गांधी जयंती 2020

नई दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 2 अक्टूबर को यानी आज जयंती है। बापू के नाम से मशहूर गांधी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। अंग्रेजों द्वारा भारतीय समाज को पहनाई गई गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए उन्होंने सविनय अवज्ञा और अहिंसा का मार्ग अपनाया। अन्याय के खिलाफ तमाम उम्र में संघर्ष करने वाले वह विचारों और सच के साथ प्रयोग करने से कभी नहीं हिचकते थे।

गांधी की जिंदगी वैसे तो खुली किताब है लेकिन क्या आप उनकी जिंदगी इन बातों से वाकिफ हैं...

  • महात्मा गांधी का असल नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। क्या आपको मालूम है कि उन्हें महात्मा नाम गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर ने दिया था।  टैगोर ने गांधी को शांतिनिकेतन आश्रम में महात्मा बोलकर संबोधित किया था।
  • महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी और मां का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी के पिता पोरबंदर रियासत के दीवान थे। उनकी मां पुतलीबाई गृहिणी थीं।
  • महात्मा गांधी इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद दक्षिण अफ्रीका एक जूनियर वकील के तौर पर गए थे। दक्षिण अफ्रीका में वह एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए काम करते थे जहां उन्हें 105 पाउंड सालाना तनख्वाह मिलती थी। 
  • गांधी जी लोगों से सीधे संवाद करने के अलावा अखबारों के जरिए भी अपने विचार रखते थे। उन्होंने कुछ अखबार शुरू किए थे। जिसमें इंडियन ओपिनियन, यह यंग इंडिया, नवजीवन और हरिजन प्रमुख हैं। वह इन अखबारों के माध्य से राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों को भी धार देते थे।
  • गांधी की शादी सिर्फ 13 साल की उम्र में उनसे छह महीने बड़ी कस्तूरबा से हो गई थी। कस्तूरबा को 'बा' कहकर भी पुकारा जाता था। गांधी और कस्तूरबा के 4 बेटे हीरालाल, मणिलाल, रामदास और देवदास थे।
  • गांधी काफी तेज चला चला करते थे। गांधी के चलने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह दांडी यात्रा के वक्त साबरमती से दांडी तक 390 किलोमीटर चले थे।
  • महात्मा गांधी की जीवनी बेहद मशहूर है। जिसका नाम 'सत्य के साथ मेर प्रयोग' है। इसे साल 1927 में लिखा गया था। ये किताब गुजराती में थी। 

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