Jammu Kashmir target killing : जम्मू-कश्मीर पर नॉर्थ ब्लाक में बड़ी बैठक जारी है। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा समेत एनएसए अजीत डोभाल के अलावा आर्मी चीफ, बीएसएफ चीफ और रॉ के चीफ शामिल हैं। इसके साथ ही पीएमओ में मंत्री डॉ जीतेंद्र सिंह भी शामिल हैं। इस बैठक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, जम्मू कश्मरी के डीजीपी दिलबाग सिंह सहित सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के आला अफसर शामिल हैं। कश्मीर बीते दिनों से गैर-कश्मीरी लोगों को निशाना बनाकर जिस तरीके से हत्याएं हो रही हैं उसे देखते हुए यह उच्च स्तरीय बैठक काफी अहम मानी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में तीन-चार बातें अहम रहने वाली हैं।
काफी अहम मानी जा रही यह बैठक
पहला यह कि सरकार कश्मीरी हिंदुओं में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए कोई कदम उठाने की घोषणा कर सकती है। आतंकवादी घटनाओं एवं टार्गेट किलिंग पर किस तरीके से रोक लगाई जाए, इस पर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है। इसकी सुरक्षा को लेकर भी कोई निर्णय हो सकता है। कुल मिलाकर आज की बैठक काफी महत्वपूर्ण है। इस बैठक में मनोज सिन्हा, दिलबाग सिंह और सुरक्षा-खुफिया एजेंसियों के प्रमुख गृह मंत्री एवं एनएसए को हालात की जानकारी देंगे।
बीते 27 दिनों में 10 लोगों की हत्या
बीते 27 दिनों में आंतकियों ने 10 निर्दोष लोगों की हत्याएं की हैं। आतंकवादियों की पूरी कोशिश 1990 के दशक को फिर से दोहराने की है। आतंकवादी लगातार टार्गेट किलिंग कर घाटी में भय का माहौल बनाकर गैर-कश्मीरी लोगों को भगाना चाहते हैं। डर की वजह से 50 परिवार घाटी से निकलकर जम्मू आ चुके हैं। इन लोगों का कहना है कि जान है तो जहान है। लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें केवल आश्वासन मिल रहा है, जमीन पर स्थिति कुछ दूसरी है। एक कश्मीरी पंडित ने कहा कि पहले तो सड़कों पर हमें मारा जाता था अब आतंकवादी कार्यालयों में घुसकर हत्या कर रहे हैं।
जाहिर है कि सरकार के सामने कश्मीरी पंडितों में भरोसा पैदा करना एक बड़ी चुनौती है। लोग देख रहे हैं कि उन्हें केवल आश्वासन मिल रहा है। आज की गृह मंत्रालय की बैठक पर कश्मीरी पंडितों की नजर है। वे देखना चाहेंगे कि सरकार उनकी सुरक्षा के लिए किस तरह के कदम उठाने जा रही है।